कभी पत्रकारों का प्रमुख अड्डा रहा पत्रकार भवन ध्वस्त, मीडिया सेंटर बनेगा
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 9 दिसंबर। राजधानी भोपाल में पत्रकारों की बैठक का प्रमुख स्थान रहा पत्रकार भवन अंतत: ध्वस्त कर दिया गया। भवन की लीज निरस्त होने और अदालत से स्टे समाप्त होने के बाद यह कार्रवाई की गई। जनसंपर्क आयुक्त पी नरहरि का कहना है कि पत्रकार भवन की जगह पर सर्वसुविधायुक्त वल्र्ड क्लास मीडिया भवन बनाया जाएगा, जिसमें पत्रकारों के लिए बैठने के अलग कॉमन हॉल, पुस्तकालय, मीडिया सेंटर, वाई-फाई, कैंटीन समेत हर तरह की सुविधाएं रहेगी।
जिला प्रशासन और नगर निगम के अफसरों के मुताबिक पत्रकार भवन की लीज रिन्यूअल की रिव्यू पिटीशन भी खारिज कर दिए जाने के बाद सरकार इस इमारत और इसमें संचालित कार्यालय को अवैध मान रही थी। इस आधार पर सरकार के उच्च स्तर से इस इमारत को गिराने की तैयारी करने के निर्देश जिला प्रशासन और नगर निगम अमले को दिए थे। हालांकि पत्रकार भवन की लीज का मामला हाईकोर्ट से खारिज किए जाने के बाद श्रमजीवी पत्रकार संघ ने अगले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही थी। इस भवन को गिराने के लिए सरकार और प्रशासन के आला अफसरों ने रविवार देर रात बैठक कर रणनीति बनाई। तडक़े पांच बजे प्रशासन, नगर निगम के अमले ने भारी पुलिस बल के बीच इस भवन को ढहाने की कार्रवाही शुरु की। इसके लिए करीब आधा दर्जन जेसीबी और अन्य मशीनों का उपयोग किया जा रहा है। भवन के मलवे को भी तत्काल हटाने का काम भी शुरु कर दिया गया था। भवन को ढहाने में प्रशासन को करीब छह घंटे का समय लगा है।
यह पत्रकार भवन लंबे समय से विवादों में रहा है। पत्रकार भवन पर कब्जे को लेकर दो पत्रकार संगठन झगड़ रहे थे। इसके बाद मामला सरकार से होते हुए कोर्ट तक पहुंचा, जहां कोर्ट ने लीज रिन्यूअल की रिव्यू पिटीशन भी खारिज करते हुए भवन को अवैध माना। हाईकोर्ट ने श्रमजीवी पत्रकार संघ और पत्रकार भवन समिति की याचिकाएं खारिज कर दी थी। जस्टिस सुजॉय पॉल की एकलपीठ ने कहा कि संघ और समिति उक्त जमीन पर अपना अधिकार साबित करने में विफल रहे हैं। 1969 में वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन को उक्त जमीन आवंटित की गई थी।