एमपी में बीजेपी के विधायक सोमवार को चार बजे चुनेंगे नया सीएम
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 9 दिसंबर। मध्यप्रदेश का नया मुख्यमंत्री चुनने के लिए भाजपा के नव निर्वाचित विधायकों की बैठक अब सोमवार 1 दिसंबर को शाम 4 बजे होगी। बैठक में शामिल होने के लिए पार्टी के तीनों केंद्रीय पर्यवेक्षक मनोहर लाल खट्टर, के लक्ष्मण और आशा लाकड़ा सोमवार की सुबह भोपाल पहुंच जाएंगे।भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में आयोजित विधायक दल की बैठक में तीनों पर्यवेक्षकों सहित सभी 163 नव निर्वाचित विधायक मौजूद रहेंगे।
मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को अप्रत्याशित विजय हासिल हुई। इतने प्रचंड बहुमक की उम्मीद बीजेपी के रणनीतिकारों को भी नहीं थी। लेकिन कुरुक्षेत्र में विजय बीजेपी को राजतिलक में पसीन आ रहा है। दो दशकों में पहली बार बिना सीएम फेस के सियासी रणक्षेत्र में उतरी बीजेपी ने बार की आशंका में दिग्गजों को दांव पर लगा दिया था। अब वही रणनीति पार्टी पर भारी पड़ रही है। मुख्यमंत्री पद के नेता जीतकर विधायक बन गए हैं और कई विधायक न होने के बाद भी जीत के शिल्पकार होने के कारण सीएम फेस माने जा रहे हैं। इसलिए पार्टी हाईकमान को फैसला लेने में पसीना आ रहा है। मध्यप्रदेश में सीएम की दौड़ में शामिल सभी नेता अपने अपने समर्थकों के बीच उत्साह भर रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस बार घोषित सीएम फेस न होने के बाद भी सीएम की रेस में अपने आप शामिल हैं और कई रेसवालों से काफी आगे हैं। बनने की दौड़ में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है। हालांकि, वह कुछ समय पहले यह बयान दे चुके हैं कि वह न तो कभी मुख्यमंत्री पद के दावेदार थे और न ही आज हैं। पार्टी का जो भी आदेश होगा, वह उन्हें स्वीकार है। पार्टी का कद्दावर ओबीसी चेहरा और प्रहलाद पटेल भी रेस में हैं। नरेंद्र सिंह तोमर के लंबे प्रशासनिक अनुभव को देखते हुए उन्हें भी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। केंद्रीय संगठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे विजयवर्गीय को भी पार्टी ने विधानसभा चुनाव लड़ाया है। वे बहुत दिनों बाद चुनाव जीतक विधानसंभा पहुंचें हैं सीएम के दावेदारों में शामिल हैं। राजनीतिक हलकों में ज्योतिरादित्य सिंधिया और कुछ अन्य नामों को भी मुख्यमंत्री की दौड़ में उम्मीदवार माना जा रहा है। तोमर व पटेल केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं, इसलिए माना जा रहा है ये प्रदेश में किसी बड़ी भूमिका में होंगे।
राज्य विधानसभा की कुल 230 सीटों में से बीजेपी के 163 विधायकों ने जीत दर्ज की है। जानकारी के मुताबिक पार्टी के अंदर ओबीसी, आदिवासी और महिला चेहरे पर मंथन चल रहा है। इससे पहले वर्ष 2005 के बाद से पार्टी ने कभी मुख्यमंत्री के चुनाव के लिए रायशुमारी नहीं हुई थी। भाजपा ने इस बार 17 नवंबर का विधानसभा चुनाव मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में पेश किए बिना लड़ा। ऐसा 20 साल बाद हुआ कि पार्टी ने मध्य प्रदेश में चुनाव से पहले अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का नाम घोषित नहीं किया।बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा ने बताया कि पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक सुबह 11 बजे भोपाल पहुंचेंगे। सीएम के चेहरे के सवाल पर उन्होंने कहा कि भाजपा कैडर बेस पार्टी है। नेतृत्व जो निर्णय लेता है वो कार्यकर्ता को शिरोधार्य होता है। केंद्रीय नेतृत्व अच्छा निर्णय लेगा। नरेंद्र मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा तय करेंगे।