एमपी में अब अवैध कालोनी बसाने पर कसेगा कानूनी शिकंजा
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 15 मार्च। मध्यप्रदेश सरकार अवैध कालोनियों की बसाहट रोकने के लिए कानून लाने जा रही है, ताकि शहरों को मास्टर प्लान के अनुसार व्यवस्थित किया जा सके। साथ ही दो हजार वर्ग फीट से बड़े प्लाट पर बिल्डिंग परमीशन की जरूरत खत्म करने का भी सरकार का प्लान है।
प्रदेश के नगरीय प्रशाससन एवं विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने शुक्रवार को राज्य मंत्रालय में मीडिया से यह जानकारी साझा करते हुए कहा कि अवैध कॉलोनियां मास्टर प्लान को लागू करने में रुकावट लाती हैं। इससे शहर को व्यवस्थित बसाने में अड़चनें आती हैं। उन्होंने कहा कि इसलिए अवैध कॉलोनी को बनने से रोकने के लिए कड़े प्रावधान करने वाले हैं। इसमें अवैध कॉलोनी बसाने वालों पर व्यक्तिगत रूप से सख्त कार्रवाई की जाएगी। मंत्री ने बताया कि जबलपुर और इंदौर का मास्टर प्लान का ड्राफ्ट जून 2024 तक आएगा। इसे जनता के सुझाव लेने के बाद लागू कर देंगे। उन्होंने यह भी बताया कि भोपाल और इंदौर को रिसीविंग जोन घोषित किया गया है। शहरी विकास मंत्री ने एक अन्य पहल की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने तय किया है कि दो हजार वर्ग फीट का प्लॉट खरीदने वाला व्यक्ति यदि नगर निगम में निर्धारित फीस जमा कर देगा तो उसे भवन निर्माण की अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी। उसे सिर्फ भवन निर्माण में निर्धारित मापदंड का पालन करना होगा। वहीं, मंत्री ने बताया कि नगर निगम को 30 प्रतिशत कंपाउंडिंग शुल्क लेने के अधिकार दे रहे हैं, लेकिन इसमें शर्त जोड़ी है कि कंपाउंडिंग शुल्क उन्हीं बिल्डिंग से लिया जाएगा, जिनके पास 2021 से पहले की अनुमति होगी।