आरबीआई का दावा: भारत में नोटों की छपाई दुनिया में श्रेष्ठ
खरी खरी बिजनेस डेस्क
नई दिल्ली, 14 अगस्त। नोटबंदी का भूत सियासत और सरकार के साथ साथ रिजर्व बैंक का भी पीछा नहीं छोड़ रहा है। नोटबंदी को लेकर देश में जब भी कोई मुहिम शुरू होती है तो उसकी चपेट में रिजर्व बैंक स्वाभाविक रूप से आ जाता है। इसलिए सियासी मुद्दों पर हमेशा खामोश रहने वाला रिजर्व बैंक अब नोटबंदी से जुड़े मुद्दों पर सफाई देने लगा है।
रिजर्व बैंक की ओर से हाल ही में नोटों की छपाई को लेकर किए जा रहे सियासी बवाल पर जवाब दिया गया है। नोटबंदी के बाद जारी नये नोटों की छपाई में खामियों को लेकर रिजर्व बैंक ने कहा कि वह नोटों की छपाई में दुनियाभर में अपनाई जाने वाली सबसे बेहतर तौर तरीकों को अपना रहा है और नोटों की गुणवत्ता 'स्वीकार्य मानकों' के दायरे में है। कांग्रेस की ओर से लगातार आरोप लगाए जा रहे हैं कि नोटबंदी के बाद नोटों की छपाई में तामाम खामियां हैं। इस पर स्पष्टीकरण देते हुए केन्द्रीय बैंक ने कहा है कि नोट की छपाई करने वाले उसके कारखाने आधुनिक तकनीक वाली मशीनों से लैस हैं और इनमें काम करने वाले लोग भी तकनीकी रूप से काफी सक्षम हैं। इन छपाई कारखानों में बैंक नोट की हर स्तर पर गुणवत्ता की जांच होती है।
रिजर्व बैंक का यह बयान इस संदर्भ में काफी अहमियत रखता है कि हासल ही में संसद में कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि नोटबंदी के बाद जारी किये गये 500 और 2,000 रुपये के अलग अलग तरह के नोट छापे जा रहे हैं। इससे भारतीय मुद्रा की साख गिर रही है। विपक्षी पार्टी ने कहा था कि उच्च मूल्य वर्ग के इन नोटों में खामियां उनके आकार, डिजाइन और दूसरे मानक में भिन्नता के रूप में हैं। कांग्रेस का सीधा आरोप था कि दो दो डिजायनों के नोट छापे जा रहे हैं। अब रिजर्ब बैंक की ओर स्पष्टीकरण दिए जाने के बाद व्यापार और बैंकिंग जगत में फैला दहशत का माहौल ठीक होगा।