आरक्षण कानून लागू होने पर मध्यप्रदेश में हो जाएंगी 76 महिला विधायक

Sep 19, 2023

खरी खरी संवाददाता

भोपाल, 19 सितंबर। लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पेश किए जाने के साथ मध्यप्रदेश में भी यह चर्चा जोर पकड़ रही है कि महिला आरक्षण लागू होने पर मध्यप्रदेश की विधानसभा की तस्वीर कैसी होगी। मध्यप्रदेश की 230 सदस्यों वाली विधानसभा में महिलाओं की संख्या 76 हो जाएगी। अभी कुल मिलाकर सिर्फ 21 महिला विधायक ही हैं।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुरू से महिला मतदाताओं को लुभाने की योजनाओं पर काम करते रहे हैं। इसलिए उनकी योजनाएं महिला केंद्रित ज्यादा रहती है। पहले बेटी बचाओ योजना,लाड़ली लक्ष्मी योजना और लाड़ली बहना योजना को गेम चेंजर माना जा रहा है। इसलिए उन्होंने कई नौकरियों और स्थानीय शासन के चुनावों में महिलाओं की भागीदारी 33 फीसदी कर दी है। विधानसभा में आरक्षण का कोई नियम न होने के कारण महिलाओं की संख्या सीमित है।साल 2018 के चुनाव में मध्य प्रदेश में महिला विधायकों की संख्या सिर्फ 21 थी। इस चुनाव में बीजेपी ने सिर्फ 10 प्रतिशत, तो कांग्रेस 12 प्रतिशत महिलाओं को ही टिकट दिया था, जबकि सूबे में महिला वोटर्स की संख्या तकरीबन 48 प्रतिशत हैं। लोकसभा में पेश किया गया महिला आरक्षण बिल अगर दोनों सदनों से पास होकर कानून का रूप ले लेता है तो इसका असर मध्यप्रदेश सहित पांच राज्यों में जल्द होने वाले विधानसभा चुनाव में भी पड़ेगा।  मध्य प्रदेश में 33 प्रतिशत महिला आरक्षण लागू होने के बाद जो फार्मूला तय होगा उसके अनुसार 76 महिला विधायक होंगी। अभी प्रदेश में सभी राजनीतिक दलों की तरफ से सिर्फ 21 महिला विधायक हैं। इनमें बीजेपी की 11, कांग्रेस की 9 और एक बसपा से हैं। पिछले तीन विधानसभा चुनावों के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो साफ देखा जा सकता है कि बीजेपी 10 प्रतिशत और कांग्रेस करीब 12 प्रतिशत महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतार रही है। बात की जाए वोटर्स की तो, मध्य प्रदेश में अभी 5.52 करोड़ कुल वोटर हैं, जिनमें 2.67 करोड़  करीब 48 प्रतिशत महिलाएं हैं। प्रदेश के 41 जिलों में महिला वोटर्स की संख्या बढ़ी है।

 

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