आरएसएस के पूर्व प्रचारकों ने मिलकर बनाई राजनैतिक पार्टी, बीजेपी को देंगे चुनौती
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 11 सितंबर। राष्ट्र स्वयं सेवक संघ के पूर्व प्रचारकों ने एक राजनैतिक पार्टी का गठन कर सबको चौंका दिया है। आरएसएस का स्वयं सेवक कभी भी संघ की वैचारिकता के खिलाफ नहीं जाता है, भले ही वह सब काम छोड़कर घर बैठ जाता है। यह पहला मौका है जब संघ के स्वयंसेवक राजनीतिक दल बनाकर संघ की विचारधारा वाली भाजपा की सरकार को मप्र में चुनौती देने जा रहे हैं।
भोपाल में हुए एक सम्मेलन में आरएसएस के पूर्व प्रचारकों ने पार्टी के गठन की घोषणा की। इस नई पार्टी का नाम जनहित पार्टी रखा गया है। पूर्व प्रचार अभय जैन इस कवायद के सूत्रधार हैं। संस्थापक सदस्यों का मानना है कि आज के समय में चाहे आर.एस.एस. हो या भारतीय जनता पार्टी ये सभी पूरी तरह से भ्रष्ट हो चुके है और इनके पास अब कोई विचारधारा बची नहीं है ना किसी कार्यकर्ता की कोई सुनवाई है। ऐसे में ज़रूरी है कि विचारधारा को पुनर्जीवित करने के लिए नया सिस्टम खड़ा करते हुए नई पार्टी की स्थापना की जाए। पार्टी की स्थापना बैठक में महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, झारखंड, के लगभग 380 वरिष्ठ प्रचारकों ने हिस्सा लेने जा रहे है। पार्टी का कहना है कि अभी हमारे पास मध्यप्रदेश में ही 2 लाख सक्रिय कार्यकर्ता है जो की आरएसएस और बीजेपी से परेशान है और नई व्यवस्था चाहते है हमारा लक्ष्य अगले एक माह में दस लाख सक्रिय कार्यकर्ता को खड़े करने का है जो कि आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिये काम करेगे, मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव 2023 में पार्टी सभी 230 सीटो पर अपने उम्मीदवार उतारेगी जो की भारतीय जनता पार्टी के विकल्प के रूप में होंगी और इसके लिए पार्टी ने ज़मीनी तैयारी पूरी कर ली है जनहित पार्टी के संस्थापक सदस्य वही है जिन्होंने कभी बीजेपी का संगठन मध्यप्रदेश में खड़ा किया था और आज भी बीजेपी का संगठन पूरे देश में सबसे मज़बूत संगठन माना जाता है। नई पार्टी के निर्माण से बीजेपी और संघ के कई वास्तविक कार्यकर्ता नई पार्टी से जुड़ जायेगी जिसका सबसे पड़ा नुक़सान आगामी चुनाव में बीजेपी को होंगा।