आपरेशन के बाद 11 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 17 अगस्त। मध्य प्रदेश के मेट्रो शहर इंदौर में एक ट्रस्ट द्वारा संचालित आई हास्पिटल में लापरवाही से 11 लोगों की आंखों की रोशनी चली गईं। ये सभी लोग मोतियाबिंद का आपरेशन कराने आए थे। यह वही अस्पताल है जहां 2010 में भी लापरवाही के चलते 18 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई थी। इस हास्पिटल में आपरेशन पर 2011 में बैन लगा दिया गया था।
दरअसल बीते 8 अगस्त को राष्ट्रीय अंधत्व निवारण कार्यक्रम के तहत मोतिबिंद के मरीजों को आई हॉस्पिटल में दाखिल कराया गया था। उसी दिन उन सभी का ऑपरेशन किया गया। इसके अगले दिन यानी नौ अगस्त को मरीजों की आंखों में दवाई डाली गई जिसके बाद उन्हें सब कुछ सफेद दिखना शुरू हो गया। कुछ मरीजों ने उन्हें सब कुछ काली छाया सी दिखने की शिकायत की। जांच के बाद डॉक्टरों ने माना कि इनकी आंखों में इंफेक्शन हो गया है। स्वास्थ्य विभाग को जब इस लापरवाही के बारे में पता चला तो उन्होंने फौरन कार्रवाई करते हुए हॉस्पिटल का ऑपरेशन थियेटर सील कर दिया। अधिकारियों ने बताया कि इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है और जांच के कारण स्पष्ट होने के बाद हॉस्पिटल के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। दूसरी ओर अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. सुधीर महाशब्दे ने खरी-खरी से कहा कि संक्रमण की वजहों का अभी तक पता नहीं चला है। इस मामले में सरकार ने कड़ी कार्रवाई करते हुए अस्पताल का लाइसेंस निरस्त करने, एफआईआर दर्ज करने के साथ ही ओटी को सील करवा दिया है। इस मामले की जांच के लिए सात सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। वहीं रेडक्रास से 20 हजार रुपए की तत्काल मदद के साथ ही सभी पीड़ितों के मुफ्त इलाज की व्यवस्था की है। मरीजों को चोइथराम अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मामले में संज्ञान लेते हुए पीड़ितों को 50-50 हजार रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की है। स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने दोषियों को कड़ी सजा दिलवाने की बात कहते हुए जांच के लिए सात सदस्यीय कमेटी गठित की है। दोषी डॉक्टरों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की बात कही है। कलेक्टर लोकेश जाटव ने भी तत्काल जांच के निर्देश दिए हैं। इस मामले की जांच अपर कलेक्टर स्तर के अधिकारी करेंगे। इस बात की भी जांच की जाएगी कि अस्पताल प्रबंधन ने किस तरह की लापरवाही बरती है। वहीं मरीजों का इलाज विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम से कराया जा रहा है। चेन्नई से भी आई स्पेशलिस्ट डॉक्टर राजीव रमन को इलाज के लिए बुलाया गया है।