आदिवासियों के सम्मान से कोई समझौता नहीं किया जाएगा- शिवराज

Sep 19, 2020

खरी खरी संवाददाता

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि उन्होंने बचपन से ही आदिवासी भाई-बहनों की पीड़ा और संघर्ष को देखा है। उनकी स्थिति में सुधार के लिये मन में बचपन से ही तड़प रही है। हमने हमेशा सुनिश्चित किया कि प्रदेश के आदिवासी भाई-बहनों का कभी कोई नुकसान न हो। उनके मान-सम्मान से कोई समझोता न हों। हमारी यह विचारधारा है कि जो समाज में सबसे नीचे है,सबसे गरीब है,वही हमारा भगवान है और उसे आगे लाने में हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। यह सरकारी व्यवस्था हर गरीब के साथ न्याय करने और जनता की बेहतर सेवा के लिये है। जीवन जीने के सभी संसाधन और विकास के अवसर बराबरी से पाना आदिवासी भाई-बहनों का अधिकार है।राज्य शासन उन्हें यह अधिकार देने के लिये प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री चौहान 'वनाधिकार उत्सव'को संबोधित कर रहे थे।इस अवसर पर मुख्यमंत्री चौहान ने वनाधिकार-पत्र वितरित किये तथा वनाधिकार पुस्तिका का विमोचनभी किया। चौहान ने हितग्राहियों से बातचीत भी की।

गरीब कल्याण सप्ताह के अंतर्गतजनजातीय संग्रहालय मेंआयोजितइस राज्य स्तरीय कार्यक्रममेंआदिम जाति तथा अनुसूचित जाति कल्याणमंत्री सुश्री मीना सिंह तथा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा भी उपस्थित थे।वन मंत्री श्री विजय शाह ने कोरोनासे प्रभावित होने के कारणकार्यक्रम में वीडियोकॉन्फ्रेंसिंग द्वारा अस्पताल से ही संक्षिप्त सहभागिता की। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार 23 हजार हितग्राहियों को वनाधिकार पट्‌टों का वितरण करने जा रही है। प्रत्येक आदिवासी भाई-बहन को उसका अधिकार दिलाना हमारी सरकार का कर्तव्य है। प्रदेश में 2006 के पहले से काबिज प्रत्येक आदिवासी को पट्टा दिलाया जाएगा। पुराने कब्जाधारियों को पट्टा दिलाने का अभियान लगातार जारी रहेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती के साथ हमें आय उपार्जन के दूसरे तरीकों की तरफ भी ध्यान देना होगा। लघु उद्योग स्थापित करने के लिये राज्य शासन प्रशिक्षण की व्यवस्था भी कर रहा है। जनजातीय क्षेत्रों में स्व-सहायता समूह बड़ी ताकत बनकर उभर रहे हैं। उन्होंने होशंगाबाद जिले के केसला के महिला स्व-सहायता समूह का उल्लेख करते हुए कहा कि मुर्गी पालन और मुर्गी दाना बनाने के व्यवसाय से समूह को तीन करोड़ की आय हुई। अनूपपुर और डिण्डौरी के स्व-सहायता समूहों की मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रशंसा करते हुए आदिवासी बहनों-माताओं को स्व-सहायता समूह बनाने के लिये प्रेरित किया। श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी लोकल को वोकल बनाने को प्रोत्साहित कर रहे हैं। अत: स्थानीय स्तर पर उपलब्ध सामग्री से बनने वाली चीजों के आधार पर व्यवसाय आरंभ करने के लिये पहल करना चाहिए। इसमें आदिम जाति कल्याण विभाग भी सहयोग देगा।राज्य सरकार ने ग्रामीण पथ विक्रेताओं के लिये भी कार्यक्रम प्रारंभ किया है, जिसमें छोटे स्तर पर व्यवसाय आरंभ करने वाले व्यक्तियों को 10 हजार रूपये की सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।

 

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