आईएसआई एजेंटों पर दिग्गजों में बयान युद्ध
सुमन 'रमन'
भोपाल, 10 फरवरी। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम करने के आरोप में मप्र की एटीएस द्वारा 11 संदिग्धों की गिरफ्तारी के मुद्दे पर राजनीति के दो दिग्गज आमने-सामने हैं। दोनों नेताओं के बीच बयान युद्ध शुरू हो गया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह ने जहां इन आरोपियों में सभी के हिंदू होने पर तंज कसा है, वहीं भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने प्रदेश में आईएसआई की सक्रियता को दिग्विजय सिंह सरकार की देन बताते हुए कहा है कि आतंकवाद को धर्म के नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए।
मप्र में आईएसआई के 11 संदिग्ध एजेंटों की गिरफ्तारी पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करके एक तरह से बीजेपी पर व्यंग्य किया है कि पकड़े लोगों में एक भी मुसलमान नहीं है। उन्होंने यह टिप्पणी आए दिन पकड़े जाने वाले आतंकियों में लगभग सभी नाम मुस्लिम संप्रदाय के होने और उस पर भाजपा नेताओं की ओर से किए जाने वाले कमेंट्स के मद्दे नजर की है। उनका इशारा भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय द्वारा आए दिन वर्ग विशेष के फिल्म कलाकारों पर की जाने वाली टिप्पणियों की ओर भी था। पकड़े गए संदिग्धों में एक भोपाल के ध्रुव सक्सेना के फोटो कैलाश विजयवर्गीय के साथ भी हैं। दिग्विजय सिंह की टिप्पणी के बाद कैलाश विजयवर्गीय भी कहां पीछे रहने वाले थे। उन्होंने इंदौर में मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि आंतकी हिंदू मुसलमान नहीं होता। आंतकवाद को धर्म से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने दिग्विजय सिंह पर पलटवार करते हुए कहा कि मप्र में आईएसआई और सिम्मी जैसे आंतकी संगठन दिग्विजय सरकार में ही पनपे हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में कानून अपना काम करेगा।
पकड़े गए संदिग्ध जासूसों के नाम भाजपा नेताओं के साथ जुड़े होने के चलते यह मामला और गर्मा गया है। इनमें भोपाल से गिरफ्तार ध्रुव सक्सेना का नाम कैलाश विजयवर्गीय के साथ भी जोड़ा जा रहा है। ध्रुव सक्सेना के फोटोग्राफ्स कैलाश विजयवर्गीय के साथ-साथ राज्य सरकार में मंत्री विश्वास सारंग, भोपाल के महापौर आलोक शर्मा सहित भाजपा और भाजयुमो के कई नेताओं के साथ सामने आए हैं। ऐसे में कांग्रेस को भाजपा पर हमला बोलने का अच्छा मौका मिल गया है। कांग्रेस की भोपाल इकाई ने इस मुद्दे को लेकर प्रदर्शन भी कर दिया।