अभिनयन में हुआ छत्तीसगढ़ी लोकनाट्य शैली में लोरिक चंदा का मंचन
खरी खरी संवाददाता
भोपाल। मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में नवीन रंगप्रयोगों के प्रदर्शन की साप्ताहिक श्रृंखला अभिनयन में रामाधार साहू, दुर्ग के निर्देशन में छत्तीसगढ़ी लोकनाट्य शैली में लोरिक चंदा का मंचन संग्रहालय सभागार में हुआ। इस नाट्य प्रस्तुति के केंद्र में लोरिक नामक नायक और चंदा नामक नायिका है। चंदा का विवाह बहुत छोटी उम्र में हो जाता है। जब वह बड़ी होती है, तब उसे पता चलता है कि उसके पति को कोढ़ हुई है। अतः वह अपने मायके में ही रहती है। उसे लोरिक नामक एक युवक के बारे में पता चलता है कि वह बहुत ही आकर्षक है। उधर लोरिक जब बाजार जाता है तो उसे बाजार की सभी महिलाएं घेर लेती हैं और घर नहीं लौटने देतीं। इसी बीच चंदा अपनी मालिन से कहती है कि मुझे लोरिक से मिलवा दो। अतः मालिन कई तरह के प्रयास करके लोरिक को चंदा से मिलवा देती है। मिलने पर लोरिक और चंदा पाँसा खेलने लगते हैं। पांसे की यह शर्त है कि जो हारेगा उसे दूसरे की बात माननी होगी। इसी बीच लोरिक की पत्नी और चंदा में कहा सुनी हो जाती है। इस तरह कुछ दिन बीत जाते हैं और लोरिक और चंदा को एक दूसरे से प्रेम हो जाता है। अंततः वह निर्णय करते हैं कि इस वस्तुनिष्ठ दुनिया में वह नहीं रहेंगे और कहीं और जाकर अपना नया संसार बसायेंगे। इसी नोट पर छत्तीसगढ़ी लोकनाट्य शैली में लोरिक चंदा नाट्य प्रस्तुति का अंत होता है। इस प्रस्तुति की समय सीमा लगभग 1 घंटा 30 मिनट रही।
प्रस्तुति के दौरान मंच पर रामाधार साहू, मुन्ना साहू, सूरज निषाद और आनंद राम साहू आदि ने अपने अभिनय कौशल से सभागार में मौजूद दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। नाट्य प्रस्तुति के दौरान हारमोनियम पर अशोक राम साहू ने, बेंजो पर दानीदास मानिकपुरी ने, तबले पर डोमन सेन ने, ढोलक पर सुन्दर निषाद और घुंघरू पर धनेश राम साहू ने सहयोग किया। इस नाट्य प्रस्तुति का निर्देशन रामाधार साहू ने किया। रामाधार साहू कई वर्षों से रंग कर्म के क्षेत्र से जुड़े हैं। रामाधार साहू ने कई प्रस्तुतियों का निर्देशन करने के साथ ही साथ अभिनय भी किया है।
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