अब ओबीसी को साधने में जुटी शिवराज सरकार
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 23 अप्रैल। किसानों और दलितों सहित समाज के अन्य तमाम वर्गों को साधने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अब पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को साधने की कवायद में जुट गए हैं। इसके लिए बाकायदा सरकारी कार्यक्रम तैयार किया गया है। शिवराज सरकार प्रदेश में 6 जगह ओबीसी महाकुंभ करने जा रही है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी सरकार तथा पार्टी सभी के लिए प्रदेश में सबसे बड़ा सामाजिक तबका अन्य पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी कोई बड़ी चुनौती नहीं है। मुख्यमंत्री खुद उसी वर्ग से आते हैं और वे लगातार इस वर्ग के लिए काम भी कर रहे हैं। इसके बावजूद पिछले कुछ दिनों में सरकार और संगठन दोनों ने जिस तरह दलितों को साधने की कोशिश की है, उससे समाज के अन्य वर्गों का नाराजा होना स्वाभाविक है। दलित महापुरुषों की नाम पर सरकार तमाम कार्यक्रमों का आयोजन कर रही और सरकार के साथ संगठन भी लगातार इसी दिशा में काम कर रहा है। इसके चलते यह महसूस किया जा रहा था कि सवर्ण और अन्य पिछड़ा दोनों ही वर्गों में नाराजगी हो सकती है। प्रदेश में ओबीसी का वोट बैंक बहुत व्यापक है, इसलिए शिवराज सिंह चौहान की सरकार और संगठन दोनों को चिंता शुरू हो गई। इसलिए अब पिछड़ा वर्ग को साधऩे की योजना तैयार की गई है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश में ओबीसी के 6 महाकुंभ आयोजित किए जाने की योजना तैयार की गई है। यह महाकुंभ संभागीय स्तर पर आयोजित किए जा रहे हैं।
सागर संभाग का महाकुंभ 29 अप्रैल को सागर में, भोपाल होशंगाबाद संभाग का महाकुंभ 6 मई को हरदा में, रीवा और शहडोल संभाग का महाकुंभ 13 मई को शहडोल में, ग्वालियर चंबल संभाग का महाकुंभ 20 मई को ग्वालियर में, जबलपुर संभाग का महाकुंभ 3 जून को जबलपुर में आयोजित किया जाएगा। राज्य सरकार के आला अफसरों ने जिलों और संभागों के आला अफसरों को बता दिया है कि ये महाकुंभ मुख्यमंत्री की मंशा के अनुसार आयोजित किए जा रहे हैं। इसलिए इनकी सफलता के लिए प्रशासन को एडी चोटी का जोर लगाना है। संदेश की भाषा भले ही सरकारी रहती है लेकिन जिस अंदाज में इसे पहुंचाया गया है, वह यह बताने के लिए काफी है कि इसे कितनी गंभीरता से लेना है। इसलिए प्रशासनिक अधिकारी अभी से काम में जुट गए हैं और उन्हें विश्वास है कि वे मुख्यमंत्री के भरोसे पर खरा उतरेंगे। मुख्य विपक्षी कांग्रेस सरकार के इस रवैये से हैरान है और उसने सरकार के इस कदम की आलोचना की है। कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा कि सरकार इस तरह से समाज को बांटने की कोशिस कर रही है।