Santa Claus Story क्रिसमस पर सभी को उपहार बांटते हैं सांता
खरी खरी डेस्क
भोपाल। क्रिसमस का त्यौहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है... भारत और मधयप्रदेश इससे अछूता नहीं है। क्रिसमस पर सांता क्लाज का जिक्र सबसे पहले आता है क्योंकि उन्हें उपहार देने वाला माना जाता है। इसलिए हर क्रिसमस पर बच्चों को सांता क्लाज की वेशभूषा में सजाया जाता है। मध्यप्रदेश की नई सरकार ने बच्चों को सांता क्लाज बनाए जाने पर नया निर्देश जारी कर इस बार सांता क्लाज को ज्यादा चर्चा में ला दिया है। सरकार का निर्देश है कि किसी भी बच्चे को जबरन सांता न बनाया, क्योंकि बहुत सारे कानवेंट स्कूलों में ऐसा किया जाता है।
सांता क्लॉज को लेकर कई कहानियां हैं। कई इतिहासकार ओडिन को सांता क्लॉज़ मानते हैं। वहीं, कुछ इतिहासकार संत निकोलस को सांता मानते हैं। आसान शब्दों में कहें तो सांता को लेकर जानकारों में मतभेद है। ओडिन के बारे में ऐसा कहा जाता है कि ईसाई धर्म के पहले त्योहार पर शिकार के लिए जाते थे। ऐसी मान्यता है कि उन्हें सांता माना गया और वर्तमान समय में सांता बर्फीली जगह पर रहते हैं, जो सांता स्लेस पर बैठकर घर-घर जाकर बच्चों को उपहार देते हैं। हालांकि, प्रभु यीशु का जन्म इसरायल में हुआ है। अतः ओडिन को लेकर लोगों में मतभेद है।
वहीं, संत निकोलस के बारे में ऐसा कहा जाता है कि उनका जन्म चौथी शताब्दी में तत्कालीन समय में बीजान्टिन एनाटोलिया के मायरा में हुआ था। वर्तमान समय में मायरा में है। निकोलस को बच्चों से बेहद स्नेह और प्यार था। निकोलस हमेशा गिफ्ट और चॉकलेट खरीदकर खिड़की के माध्यम से बच्चों को देते थे। उनके इस कार्य हेतु उन्हें बिशप बना दिया गया। इससे संत निकोलस की जिम्मेवारी बढ़ गई। कुछ समय में ही संत निकोलस यूरोप में प्रसिद्ध हो गए। लोग उन्हें क्लॉज कहकर पुकारने लगे। चर्चों ने उन्हें संत की उपाधि दी, तो लोग उन्हें सांता क्लॉज कहकर पुकारने लगे। ऐसा माना जाता है कि क्रिसमस पर बच्चों को उपहार देने की प्रथा संत निकोलस ने शुरू की है। इसके अलावा, कई अन्य सांता की जीवनी की कहानियां पुस्तकों में वर्णित है।