BHARAT RATAN- कर्पुरी ठाकुर को सम्मान मोदी सरकार का बड़ा सियासी दांव
खरी खरी संवाददाता
नई दिल्ली, 24 जनवरी। केंद्र की मोदी सरकार ने बिहार के जननायक कहे जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री कर्पुरी ठाकुर को उनकी सौवीं जन्म जयंती के मौके पर देश का सर्वोच्च नागिरक सम्मान भारत रत्न दिए जाने की घोषणा करके ब़ड़ा सियासी दांव खेला है। यह दांव आने वाले लोकसभा चुनाव तथा बिहार के विधानसभा चुनाव पर भी प्रभाव डालेगा। अपने निधन के करीब 36 साल बाद कर्पुरी ठाकुर बिहार की सियासत में बड़ी भूमिका निभाने वाले अति पिछड़ा वर्ग के लिए अति सम्माननीय हैं।
बिहार के सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में ऩई अलख जगाने वाले कर्पुरी ठाकुर आज भी अपरिहार्य हैं। बिहार की वर्तमान राजनीति के पुरोधा लालू यादव और नितीश कुमार ने उनकी उंगली पकड़कर राजनीति के गुर सीखे हैं। साधारण नाई परिवार में जन्मे कर्पुरी ठाकुर बिहार मैं एक बार उप मुख्यमंत्री दो बार मुख्यमंत्री बने। इसके बाद भी जब 1988 में उनका निधन हुआ तो उनके पास अपना खुद का घर भी नहीं था। कर्पूरी ठाकुर 1970 में पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री बने। उन्होंने पहली बार 22 दिसंबर 1970 को राज्य की कमान संभाली थी। उनका पहला कार्यकाल महज 163 दिन का रहा था। जब 1977 की जनता लहर में जनता पार्टी को भारी जीत मिली तब भी कर्पूरी ठाकुर दूसरी बार बिहार के मुख्यमंत्री बने। अपना यह कार्यकाल भी वह पूरा नहीं कर सके। इसके बाद भी महज दो साल से भी कम समय के कार्यकाल में उन्होंने समाज के दबे-पिछड़ों लोगों के हितों के लिए काम किया। बिहार में मैट्रिक तक पढ़ाई मुफ्त की दी। वहीं, राज्य के सभी विभागों में हिंदी में काम करने को अनिवार्य बना दिया। उन्होंने अपने कार्यकाल में गरीबों, पिछड़ों और अति पिछड़ों के हक में ऐसे तमाम काम किए, जिससे बिहार की सियासत में आमूलचूल परिवर्तन आ गया। इसके बाद कर्पूरी ठाकुर की राजनीतिक ताकत में जबरदस्त इजाफा हुआ और वो बिहार की सियासत में समाजवाद का बड़ा चेहरा बन गए।
बिहार के राजनीति के जानकार मानते हैं कि हाल के वर्षों में नीतीश कुमार के राजनीतिक ग्राफ में गिरावट देखी गई है। इसीलिए बीजेपी विभिन्न उपायों के जरिए उनके वोट बैंक को साधने का प्रयास कर रही है। पिछड़े कोइरी समाज से आने वाले नेता सम्राट चौधरी को इसी रणनीति के एक हिस्से के रूप में बीजेपी ने प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। इस कड़ी में एमपी के मुख्यमंत्री डा मोहन यादव को बिहार में सक्रिय किया गया है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि कर्पुरी ठाकुर को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिए जाने से उसके अभियान को और गति मिलेगी। इसलिए इस घोषणा को बिहार में बीजेपी का बड़ा सियासी दांव माना जा रहा है।