तब्लीगी मरकज में रुके 281 विदेशियों के खिलाफ पहली बार केस बनेगा
खरी खरी डेस्क
नई दिल्ली, 4 अप्रैल। वर्षों से टूरिस्ट वीजा पर आकर तब्लीगी मरकज में रुककर धर्म प्रचार का अवैध कार्य करने वाले विदेशियों के खिलाफ पहली बार सरकार कड़ी कार्रवाई करने जा रही है। इन अवैध धर्म प्रचारकों के कोरोना संक्रमण के कारण देश के अनेक हिस्सों में इस महामारी ने विकराल रूप ले लिया। इसलिए अब सरकार 281 विदेशियों को मुकदमे में आरोपी बनाने जा रही है। दिल्ली पुलिस को इसके लिए हरी झंडी मिल गई है। इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया है ताकि भविष्य में कोई विदेशी टूरिस्ट वीजा पर भारत आकर अवैध तरीके से धर्म के काम न कर पाए।
टूरिस्ट वीजा पर आकर निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज में रुककर इस्लाम धर्म के लिए काम करने वाले सभी 281 विदेशियों में से अधिकतर को कोरोना का संक्रमण होने के कारण इलाज के लिए अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। कुछ को क्वारंटाइन के लिए भेजा गया है। पुलिस अधिकारी का कहना है कि वर्षों से विभिन्न देशों के लोग टूरिस्ट वीजा पर मरकज मरकज में ठहरते थे और यहां अवैध तरीके से अपने धर्म के प्रचार प्रसार के काम में जुट जाते थे। कभी-कभी पुलिस को ऐसे विदेशी नागरिकों के बारे में जानकारी मिलने पर उनके बारे में एफआरआरओ को सूचित कर दिया जाता था। इससे एफआरआरओ उन्हें उनके दूतावासों के जरिये वापस विदेश भेज देते थे।
ऐसे विदेशी नागरिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की जाती थी, लेकिन कोरोना ने जब पूरे सिस्टम की खामियों से पर्दा उठा दिया तब कई एजेंसियों ने सबक लिया। मरकज के लोगों में कोरोना फैलने से पुलिस ने भले ही अभी मरकज के प्रमुख समेत सात मौलानाओं को नामजद करते हुए व अन्य के खिलाफ विदेशी अधिनियम समेत भारतीय दंड संहिता की कई धाराएं और महामारी अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। आगे चलकर पुलिस यहां ठहरे 281 विदेशी नागरिकों को भी आरोपित बनाएगी। जनता कर्फ्यू से पहले पुलिस इन्हें मरकज से वापस अपने देश चले जाने के लिए बार-बार अनुरोध करती रही, लेकिन वे सुनने को तैयार नहीं हुए। बाद में 23 मार्च को भी जब उन्हें मरकज से चले जाने को कहा तब उनका जवाब था कि लॉकडाउन की वजह से वे कैसे अपने देश को लौट पाएंगे। इस तरह उन्होंने जानबूझकर स्थिति बिगाड़ीं।