'पांच सौ के नोट दो डिजाइन के छप रहे'
खरी खरी संवाददाता
नई दिल्ली, 8 अगस्त। मोदी सरकार द्वारा लिए गए नोटबंदी के फैसले को एक साल से ज्य़ादा वक्त हो चुका है और अब सब कुछ सामान्य हो रहा है, लेकिन सियासत में आज भी नोटबंदी बड़ा विषय बना हुआ है। इसलिए किसी भी बड़े मंच पर राजनीतिज्ञ नोटबंदी का मामला उठाकर मोदी सरकार पर निशाना साधने से नहीं चूकते हैं। इसी कड़ी में मंगलवार को राज्यसभा में इस मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने राज्य सभा में 500 रुपये के दो अलग-अलग नोट जारी होने की बात कहते हुए इसे 'शताब्दी का सबसे बड़ा घोटाला' बताया।
कपिल सिब्बल ने नोटबंदी का मामला ठाते हुए कहा कि आज हमनें पता लगा लिया है कि इस सरकार ने नोटबंदी का फैसला क्यों लिया था। रिज़र्व बैंक दो किस्म के नोट छापती है, अलग साइज़, अलग डिज़ाइन और दोनों नोट मैंने सदन के पटल पर रखे और मैंने इसे प्रमाणित किया है। जो नोट बीजेपी कार्यकर्ताओं के पास चुनाव के दौरान हैं वो यही नोट हैं जो आरबीआई छापती है। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने इसे शताब्दी का सबसे बड़ा घोटाला बताया। वहीं, कांग्रेस के अलावा जदयू नेता शरद यादव ने भी इस मुद्दे पर सरकार से सवाल किया है। शरद यादव ने 500 रुपये का नोट दिखाते हुए कहा कि दुनिया में किसी भी देश में अलग-अलग साइज़ के नोट नहीं हैं, एक बड़ा नोट है और एक छोटा नोट और मैं साइन करके नोट दे सकता हूं। सरकार को जवाब देना पड़ेगा कि ऐसा कैसा हुआ कि दो तरह के नोट छापे गए।
राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस के आरोप का जवाब देते हुए कहा कि ये प्रश्नकाल का दुरुपयोग है। जेटली ने कहा कि आप कभी भी कोई भी कागज का टुकड़ा उठाकर इसे प्वॉइंट ऑफ़ ऑर्डर नहीं कह सकते हैं। हालांकि, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नोटों के संबंध में सीधा जवाब नहीं दिया और इस संबंध में एक नोटिस अलग से दिए जाने की बात कही। वहीं, बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने विपक्ष से सवाल किया कि आप ये बताएं कि ये नोट कहां से आ रहे हैं। इस मुद्दे के चलते राज्य सभा की कार्यवाही चार बार स्थगित हुई।