स्वामी अग्निवेश पर झारंखड में हुआ हमला
रांची, 17 जुलाई। सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश पर झारंखड के पाकुड़ में हमला हुआ है। हमलावरों ने उनके ख़िलाफ़ नारे लगाए और बीच सड़क पर उन्हें बुरी तरह पीटा। भीड़ ने उनके कपड़े फाड़ डाले और गालियाँ भी दीं। इस हमले में उन्हें आंतरिक चोटें भी आई हैं। इस घटना के बाद अग्निवेश ने झारंखंड के मुख्य सचिव को फ़ोन कर कार्रवाई की माँग की है।
स्वामी अग्निवेश के प्रतिनिधि और बंधुआ मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष मनोहर मानव ने कहा कि यह सरकार प्रायोजित हमला है। यह एक तरीक़े की मॉब लिंचिंग थी, जिसमें हमने मुश्किल से स्वामी अग्निवेश की जान बचाई। जब स्वामी जी पर हमला हुआ, तब पुलिस ने हमारी कोई मदद नहीं की और स्वामी जी की बुलाने के बावजूद पाकुड़ के एसपी उनसे मिलने नहीं पहुँचे। हमें कोई सुरक्षा नहीं दी गई, वे सबलोग भाजपा से जुड़े लोग थे। हमले के बाद स्वामी अग्निवेश ने कहा कि उनके आने की सूचना पुलिस और प्रशासन को दी गई थी।
इस हमले के बारे में स्वामी अग्निवेश ने कहा कि उन्हें डराने की कोशिश हुई है। उन्हें यहां पहाड़ियां आदिवासियों के एक कार्यक्रम में भाग लेना था और लिट्टीपाड़ा में आदिम जनजाति विकास समिति के दामिन दिवस कार्यक्रम में बोलन के लिए बुलाया गया था। आयोजकों ने प्रशासन को इसकी पूर्व सूचना दी थी। इसके बावजूद सुरक्षा नहीं दी गई। हालांकि पाकुड़ के एसपी शैलेंद्र बर्णवाल ने पुलिस को उनके कार्यक्रम की पूर्व सूचना होने से इनकार किया है। स्थानीय लोगों ने बताया कि लिट्टीपाड़ा के जिस होटल में स्वामी अग्निवेश ठहरे हुए थे, उसके बाहर भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ता उनका विरोध प्रदर्शन करने के लिए धरने पर बैठे हुए थे। अग्निवेश जैसे ही होटल से निकले, उनपर दर्जनों लोगों ने हमला कर दिया। उन्हें काले झंडे भी दिखाए गए और वापस जाओ के नारे लगाए गए। उन्हें जूते-चप्पलों से पीटा गया और गालियाँ दी गईं। यह सब दस मिनट तक निर्बाध चलता रहा। बाद में पहुँची पुलिस ने उन्हें भीड़ से बचाया और होटल के कमरे तक वापस पहुँचाया। डॉक्टरों की एक टीम ने यहाँ उनकी मरहम-पट्टी की और बाद में उन्हें सदर अस्पताल ले जाया गया। हालांकि भारतीय जनता युवा मोर्चा के पाकुड़ ज़िलाध्यक्ष प्रसन्ना मिश्रा ने स्वामी अग्निवेश पर हुए हमले में उनके कार्यकर्ताओं की भागीदारी से इनकार किया है।