सेना ने पूरे किए कश्मीरी बच्चों के सुनहरे सपने
नई दिल्ली । कश्मीर में आतंकियों के समर्थन से हो रही पत्थरबाजी का सामना करने के बावजूद भारतीय सेना पत्थर बरसाने वाले कश्मीर के युवाओं के लिए सुनहरे सपने बुन रही है। सेना की मदद से युवाओं के सपने पूरे भी हो रहे हैं। इसी कड़ी में कश्मीर के 9 युवाओं ने जेईई एडवांस क्लीयर कर लिया है। इन युवाओं को सेना द्वारा संचालित सुपर-40 कोचिंग सेंटर में देश की सबसे कठिन प्रतियोगी परीक्षाओं में से इस एक परीक्षा के लिए तैयार किया गया था। इन युवाओं में कश्मीरी लड़कियां भी शामिल हैं।
भारतीय सेना कश्मीरी युवाओं के कल्याण और उनके सुनहरे भविष्य के लिए कई योजनाओं पर काम कर रही है। उनमें से ही एक सुपर-40 कोचिंग है, जो बिहार के सुपर-30 की तर्ज पर है। यहां कश्मीर के 40 प्रतिभाशाली और वंचित छात्रों को मुफ्त पढ़ाई की सुविधा मुहैया कराई जाती है। सेना के इस नेक काम में सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी ऐंड लर्निंग (सीएसआरएल) और पेट्रोनेट एलएनजी ट्रेनिंग पार्टनर हैं।
जम्मू कश्मीर सेना द्वारा इस साल सुपर-40 बैच के 26 छात्र एवं 2 छात्राओं ने जेईई मेंस क्लियर किया था। पांच छात्र किसी निजी कारण से परीक्षा में नहीं बैठे थे। 35 में से 28 छात्रों ने जेईई-मेंस क्लियर किया यानी सुपर-40 की सफलता दर 80 फीसदी थी।
इस साल पहली बार घाटी की पांच लड़कियों ने भी सेना के सुपर-40 बैच में दाखिला लिया था। उनमें से दो ने जेईई मेंस क्लियर किया है जो अब दिल्ली की जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी और जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने की पात्र हैं।
मंगलवार को सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने सुपर-40 बैच के छात्रों से मुलाकात की और उनको बधाई दी। आर्मी के सुपर-40 बैच प्रॉजेक्ट (सीएसआरएल) मीनाक्षी सहाय ने बताया, 'सुपर-40 के बैच पिछले तीन सालों से चल रहे हैं। पहले साल एक भी छात्र जेईई क्रैक नहीं कर पाए थे। पिछले साल बैच के 30 छात्रों ने जेईई मेंस दिया। उनमें से 25 छात्रों ने जेईई मेंस क्लियर किया और सात ने जेईई अडवांस्ड क्लियर किया। इस साल जेईई अडवांस्ड क्लियर करने वाले छात्रों की संख्या बढ़कर नौ हो गई है। हमें उम्मीद है कि आने वाले सालों में यह संख्या और बढ़ेगी।'