सवर्णों को आरक्षण देने की तैयारी में मोदी सरकार
खरी खरी संवाददाता
केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा की नरेंद्र मोदी सरकार 2019 का लोकसभा चुनाव जीतने के लिए बड़ा दांव खेलने जा रही है। सरकार ने आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगों को सरकारी नौकरियों में दस फ़ीसदी आरक्षण देने का फ़ैसला किया है।
अभी तक सरकार की ओर से कोई वक्तव्य नहीं आया है लेकिन मगर मीडिया रिपोर्टों में बताया जा रहा है कि कैबिनेट ने आरक्षण के फ़ैसले को मंज़ूरी दे दी है।
कैबिनेट ने आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग के लिए 10 फ़ीसदी आरक्षण को मंज़ूरी दी है। साथ ही ये भी बताया है कि ग़रीब सवर्णों के लिए ये कोटा आरक्षण की मौजूदा तय सीमा 50 फ़ीसदी से अलग होगा। अभी देश में कुल 49.5 फ़ीसदी आरक्षण है। अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 फ़ीसदी, अनुसूचित जातियों को 15 फ़ीसदी और अनुसूचित जनजाति को 7.5 फ़ीसदी आरक्षण की व्यवस्था है।
बताया जा रहा है कि ग़रीब सवर्णों को प्रस्तावित 10 फ़ीसदी आरक्षण मौजूदा 50 फ़ीसदी की सीमा से अलग होगा। इस मंज़ूरी के बाद आर्थिक रूप से कमज़ोर सवर्णों के लिए सरकारी नौकरियों में अलग से 10 फ़ीसदी कोटा होगा। हालाँकि सवर्णों को आरक्षण मिलने की राह इतनी आसान नहीं है और मोदी सरकार को इसके लिए संविधान में संशोधन करना होगा। सरकार को इसके लिए संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 को संशोधित करना होगा। यानी संशोधन विधेयक को लोकसभा और राज्यसभा दोनों की मंज़ूरी आवश्यक होगी।
संविधान में संशोधन होने पर आर्थिक रूप से कमज़ोर अगड़ी जातियों को भी सरकारी नौकरियों में आरक्षण मिल सकेगा। मोदी सरकार का ये फ़ैसला इस मायने में महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि आने वाले कुछ महीनों के बाद ही लोकसभा के चुनाव होने हैं और नरेंद्र मोदी लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए जनता की अदालत में हाज़िर होंगे। हाल ही में हुए तीन हिंदी भाषी राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ बीजेपी को शिकस्त मिली है।