संसद के पहले सत्र में ही सरकार को घेरने की तैयारी में विपक्षी गठबंधन इंडिया

Jun 22, 2024

खरी खरी संवाददाता

ऩई दिल्ली, 22 जून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की तीसरी पारी का पहला टेस्ट 24 जून से शुरू होने जा रहे संसद के पहले सत्र के दौरान होगा। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच पहला टकराव स्पीकर के चुनाव में होने की पूरी संभावना है। प्रोटेम स्पीकर के पद पर भाजपा सांसद की नियुक्ति से नाराज इंडिया गठबंधन सदन में नीट परीक्षा घोटाला, नेट परीक्षा का स्थगन, अग्निवीर योजना. अबकी बार चार सौ पार जैसे टारगेट तक एनडीए के नहीं पहुंचने जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की पूरी तैयारी में हैं।

विपक्ष ने अपने नेता राहुल गांधी के जरिए सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन तक यह संदेश पहले ही पहुंचा दिया था कि सत्ता पक्ष ने परंपराओं का पालन करते हुए डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को दे दिया तो ठीक है नहीं तो विपक्ष स्पीकर के चुनाव में अपना प्रत्याशी उतारेगी। प्रोटेम स्पीकर के मामले में सत्ता पक्ष के अपनी ही चलाने से विपक्ष के तेवर तीखे हो गए हैं। उसे लग रहा है कि सरकार डिप्टी स्पीकर जैसे मामले में विपक्ष की बात और परंपरा को नहीं मानेगी.. इसलिए विवाद होना तय है। असल में सरकार की अनुशंसा पर राष्ट्रपति ने ओड़ीसा से भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब को लोकसभा का प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है। कांग्रेस को इस नियुक्ति पर आपत्ति है। कांग्रेस का तर्क है कि प्रोटेम स्पीकर को पद पर सबसे वरिष्ठ सांसद की नियुक्ति होती है। साल 2014 में कांग्रेस के कमलनाथ और साल 2019 में भाजपा के वीरेंद्र कुमार को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया था। दोनों उस समय के सदन में वरिष्ठतम सांसद थे। इस बार वरिष्ठतम सांसदों में भाजपा के वीरेंद्र कुमार औऱ कांग्रेस कोडिकुन्निल सुरेश शामिल हैं। दोनों आठवीं बार के सांसद हैं। वहीं भर्तृहरि महताब सातवीं बार के सांसद हैं। वे छह बार बीजद से और सातवीं बार भाजपा से सांसद हैं। वीरेंद्र कुमार मोदी सरकार में मंत्री बन गए हैं तो कांग्रेस के सुरेश अकेले वरिष्ठतम सांसद बचे हैं। परपंरा के अनुसार उन्हें प्रोटेम स्पीकर बनाया जाना चाहिए था। विपक्ष का आरोप है कि जब सत्ता पक्ष इतने छोटे से मुद्दे पर अपनी जिद चला रहा है तो बड़े मुद्दो पर वह विपक्ष की उपेक्षा करेगा। इसलिए विपक्ष पहले ही दिन से जनहति में सरकार के लिए चुनौती बनकर काम करेगा। ऐसे में स्पीकर के चुनाव जैसे मुद्दे पर टकराव तय है। राहुल गांधी, नीट और यूजीसी नेट के पेपर लीक पर मोदी सरकार को घेरेंगे, तो वहीं दूसरी तरफ सेना में अग्निवीर योजना को लेकर भी सरकार पर हल्ला बोल करेंगे। इसके अलावा, कांग्रेस और टीएमसी ने तीन नए कानूनों पर भी मोदी सरकार को घेरने का संकेत दे दिया है। ये कानून तब पारित किए गए थे, जब रिकॉर्ड 146 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया था। लोकसभा चुनाव के बाद से ही विपक्ष लगातार अपनी सक्रियता दिखा रहा है। खासतौर से राहुल गांधी, अखिलेश यादव, ममता बनर्जी के अलावा आरजेडी व आप नेता, एनडीए सरकार पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे। सबसे पहला मुद्दा, लोकसभा स्पीकर का रहेगा। अभी तक इस पद का चुनाव सर्वसम्मति से ही होता रहा है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश कहते हैं, प्रोटेम स्पीकर के पद पर कोडिकुन्निल सुरेश का हक बनता है। सरकार की यह मानसिकता पूरी तरह से बुलडोजर मानसिकता है। सरकार पहले ही दिन से पंगा लेने में लगी हुई है।