लालू पर चलता रहेगा चारा घोटाले का केस

May 08, 2017

(खरी खरी संवाददाता)

नई दिल्ली, 8 मई। राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने बहुचर्चित चारा घोटाले में लालू के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने का मामला चलाने के निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की अपील पर यह फैसला दिया है। सीबीआई ने लालू के खिलाफ केस चलाने की अपील सुप्रीम कोर्ट से की थी। सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाई कोर्ट के उस फ़ैसले को पलट दिया है जिसमें उसने लालू के ख़िलाफ़ चारा घोटाले में आपराधिक साजिश की जांच ख़त्म कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद लालू यादव पर और भी शिकंजा कस सकता है।

 हाई कोर्ट ने तब तर्क दिया था कि जिस शख़्स को दोषी ठहरा दिया गया है या बरी कर दिया गया है, उसे फिर से उसी मामले में जांच के दायरे में नहीं लाया जा सकता है। झारखंड हाई कोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ़ सीबीआई ने 2014 में सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लालू के ख़िलाफ़ बाक़ी के चारा घोटाले में अलग-अलग जांच जारी रहेगी। 2013 में लालू को चाइबासा कोषागार से 900 करोड़ के सावर्जनिक फंड में धोखाधड़ी को लेकर दोषी ठहराया गया था। दोषी ठहराए जाने के बाद लालू कुछ दिन जेल में भी रहे लेकिन बाद में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से ज़मानत मिल गई थी। 68 साल के लालू की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल बिहार की नीतीश कुमार सरकार में सबसे बड़ी पार्टी है। सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से बिहार की राजनीति में क्या असर पड़ेगा, ये आने वाले समय में पता चलेगा। ये बात ज़रूर है कि विपक्षी  बीजेपी को ज़रूर एक मुद्दा मिल गया है। जब से बिहार में महागठबंधन की सरकार बनी है, विपक्षी भारतीय जनता पार्टी इसे ख़ारिज करती रही है। इस गठबंधन को अवसरवादी गठबंधन, मजबूरी का गठबंधन और पता नहीं क्या-क्या कहा गया।

बिहार के उप मुख्यमंत्री और लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव ऐसी पस्थितियों में सरकार के बचाव में ही उतरे हैं और दोनों पार्टियों के नेताओं के अलग-अलग राग को संभालने की भी कोशिश की है। दरअसल बिहार में महागठबंधन शुरू से ही बीजेपी की आँखों की किरकिरी रहा है। बीजेपी को पता है कि अगर अगले लोकसभा चुनाव तक ये महागठबंधन अस्तित्व में रहा, तो बीजेपी पिछले लोकसभा चुनाव वाला करिश्मा दिखा पाएगी, इसमें शक है। इसलिए बीजेपी इशारों-इशारों में लालू यादव के साथ गठबंधन तोड़ने की स्थिति में नीतीश को समर्थन देने की बात करती रही है। बिहार बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार बीजेपी के साथ 17 साल रहे हैं। अब सुप्रीम कोर्ट के ताज़ा फ़ैसले से महागठबंधन में नीतीश और मज़बूत होंगे। लालू यादव जब-जब कमज़ोर पड़ेंगे, तब-तब राजद खेमे से नीतीश के नेतृत्व पर उठने वाले सवाल की धार भी कम होगी।