लालू की बेटी मीसा की मुश्किलें और बढ़ीं
पटना, 21 जुलाई। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के परिवार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। उनके पुत्र और बिहार सरकार में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर इस्तीफा देने का दबाव बढ़ रहा है। वहीं दूसरी ओर यादव की पुत्र मीसा के खिलाफ भी शिकंजा और कस रहा है। प्रवर्तन निदेशालय ने मीसा के सीए के खिलाफ मनी लांड्रिंग का केस दर्ज कर लिया है। सीए ने मीसा के काले धन को सफेद बनाकर को फार्म हाउस खरीदने में मदद की थी।
मीसा यादव के सीए राजेश अग्रवाल के खिलाफ ईडी ने एक अन्य मामले में केस दर्ज किया है। उन्होंने जगत प्रोजेक्ट्स लिमिटेड का काला धन सफेद करने में मदद की थी। प्रवर्तन निदेशालय के अफसरों का कहना है कि राजेश अग्रवाल यह सारा कम पहले आरोपी बन चुके जैन बंधुओं सुरेंद्र और राजेंद्र की मदद से करता था। आरोप है कि जैन बंधुओं ने जगत प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के संचालकों के करी4 64 करोड़ रुपए काले से सफेद किए थे। इसमें सीए राजेश अग्रवाल की भूमिका महत्वपूर्ण थी। ईडी ने राजेश अग्रवाल और जगत प्रोजेक्ट के निदेशकों के साथ ही जैन भाइयों की 26 फर्जी कंपनियों को आरोपी बनाया है। जगत प्रोजेक्ट लिमिटेड का कालाधन भी उसी तरीके से सफेद किया गया था जैसे मीसा भारती का किया गया है। जैन भाइयों ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने स्वीकार किया है कि मीसा भारती के 1.20 करोड़ रुपये की नकदी को सफेद बनाने के लिए उन्हें 90 लाख रुपये नकद एडवांस में दिए गए थे। ये पैसे राजेश अग्रवाल के मार्फत दिए गए थे। राजेश अग्रवाल भी इसे स्वीकार कर चुका है।
जैन बंधुओं ने मीसा भारती और उनके पति शैलेष कुमार की कंपनी मिशेल पैकर्स एंड प्रिटंर्स के 1,20,000 शेयर 100 रुपये के प्रति शेयर के हिसाब से खरीदे थे। ह सारी खरीददारी जैन बंधुओं की फर्जी कंपनियों के जरिए की गई थी। इसमें भी सीए राजेश की भूमिका महत्वपूर्ण थी। ईडी का मानना है कि मीसा और उनके पति ने इतनी बड़ी रकम जैन बंधुओं को नगद में दी थी और उन्होंने चेक देकर शेयर खरीद लिए। बाद में मीसा और उनके पति ने यही शेयर 10 रुपए प्रति शेयरे के भाव से वापस खरीद लिए। जैन बंधुओं ने जो शेयर 100 रुपए के भाव से खरीदे थे, वहीं शेयर मात्र 10 रुपए के भाव से वापस कैसे बेच दिए। यह सवाल अभी तक अनुत्तरित है। अब ईडी को लग रहा है कि राजेश अग्रवाल की गिरफ्तारी कई राज खोल सकती है।