राहुल ने हुनमान जी के आगे मत्था टेका लेकिन रामलला के मंदिर नहीं गए
अयोध्या। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को यहां प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मंदिर में मत्था टेका। देवरिया से दिल्ली तक 'किसान यात्रा' लेकर निकले राहुल गांधी ने अपने चौथे पड़ाव में अयोध्या के प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मंदिर में हनुमानजी के दर्शन कर पूजा-अर्चना की और साधु-संतों सेआशीर्वाद लिया।वे अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष और हनुमानगढ़ी के महंत ज्ञानदास से भी मिले। अटकलें लगाई जा रही थीं कि वे हनमानगढ़ी से चंद कदम दूर स्थित विवादित राम जन्मभूमि भी जाएंगे लेकिन वे नहीं गए। करीब 26 साल बाद गांधी परिवार का कोई सदस्य यहां पहुंचा है। इसके पहले राजीव गांधी 1990 के चुनावी अभियान में यहां आए थे।
गांधी की दादी और पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत इंदिरा गांधी भी हनुमानगढ़ी में कई बार मत्था टेक चुकी हैं। माना जा रहा है कि गांधी ने अपनी दादी का अनुसरण करते हुए हनुमानजी के दर्शन किए और कांग्रेस की सत्ता में वापसी के लिए प्रार्थना की। दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी ने गांधी के इस कार्यक्रम को 'राजनीतिक दर्शन' बताया है।
भाजपा के प्रदेश महामंत्री विजय बहादुर पाठक ने कहा कि सत्ता से बाहर रहने पर ही नेहरू-गांधी परिवार को हनुमानजी की याद आती है। सत्ता में रहने पर कांग्रेस का यह शीर्ष परिवार भगवान को शायद ही याद करता हो। उन्होंने कहा कि हनुमानजी के दर्शन करने से गांधी या कांग्रेस को कोई लाभ नहीं होने वाला है, क्योंकि कांग्रेस उपाध्यक्ष का यह कार्यक्रम राजनीति से प्रेरित है।
गांधी ने दर्शन के बाद फैजाबाद शहर में समाजवादी चिंतक आचार्य नरेन्द्र देव और कुछ अन्य स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया। वे पूरा बाजार में खाट सभा करने के बाद अम्बेडकर नगर जाएंगे। उनका प्रसिद्ध किछौछा शरीफ की दरगाह में चादर चढ़ाने का भी कार्यक्रम है।