राहुल गांधी मप्र के बड़े नेताओं को लोकसभा चुनाव लड़ाने की तैयारी में
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 5 मार्च। लोकसभा चुनाव में भाजपा का मुकाबला करने के लिए कांग्रेस मध्यप्रदेश में पार्टी के कई बड़े नेताओं को मैदान में उतार सकती है। भारत जोड़ो न्याय यात्रा के तहत मध्यप्रदेश में मौजूद कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस बात के संकेत दिए हैं। टिकटों का फैसला संभवतः राहुल गांधी की न्याय यात्रा के समापन के बाद होगा।
मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में अप्रत्याशित पराजय झेलने वाली कांग्रेस लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन कर नेताओं और कार्यकर्ताओं का मनोबल बनाए रखना चाहती है। प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटें जीतने के भाजपा के टारगेट और उसके लिए चल रही तैयारी ने कांग्रेस के सिर्फ कार्यकर्ताओं को ही नहीं बल्कि नेताओं को भी हतोत्साहित किया है। इसलिए कांग्रेस के नामचीन नेता लोकसभा में टिकट की मांग नहीं कर रहे हैं। पिछली बार 2019 में कई बड़े नेता खुद चुनाव लड़ने के लिए आगे आए थे। उस समय प्रदेश की सत्ता पर काबिज कांग्रेस पार्टी ने कई बड़े नेताओं को मैदान में उतारा, लेकिन मोदी लहर के आगे सब फेल हो गए। दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, अरुण यादव, कांतिलाल भूरिया, अजय सिंह राहुल जैसे दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा। इस बार मोदी लहर पहले से भी ज्यादा महसूस की जा रही है। इसलिए कांग्रेस के बड़े नेता टिकट की कोशिश नहीं कर रहे हैं। भाजपा ने 29 में से 24 सीटों पर अपने प्रत्याशी भी घोषित कर दिए लेकिन कांग्रेस में अभी टिकटों को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है। इसके चलते कांग्रेस के कार्यकर्ता चुनाव को लेकर उत्साहित नहीं हैं। इसलिए राहुल गांधी बड़े नेताओं को चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी में हैं और उन्होंने इसके संकेत भी दिए हैं। उज्जैन में न्याय यात्रा के बाद राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी, पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ और दिग्विजय सिंह से चर्चा की। उस समय भी राहुल गांधी ने नेताओं से कहा कि बड़े नेताओं को भी मैदान संभालना होगा। राहुल गांधी ने जिस तरह के संकेत दिए हैं,उससे लग रहा है कि कांग्रेस मध्य प्रदेश में दिग्विजय सिंह,अरुण यादव, कांतिलाल भूरिया, सुरेश पचौरी, सज्जन सिंह वर्मा, विजयलक्ष्मी साधौ, अजय सिंह राहुल जैसे नेताओं को कांग्रेस चुनाव लड़ा सकती है।