रामनाथ कोविंद बने हिंद के नए महामहिम

Jul 25, 2017

खरी खरी संवाददाता

नई दिल्ली, 25 जुलाई। संसद के सेंट्रल हाल में आयोजित एक भव्य समारोह में शपथ ग्रहण करने के साथ ही रामनाथ कोविंद देश के 14 वें राष्ट्रपति बन गए। देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस केएस खेहर ने कोविंद को शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण से पहले कोविंद ने महात्मा गांधी को राजघाट जाकर श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रपति भवन में प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की। दोनों एक कार में संसद भवन के लिए रवाना हुए।

शपथ लेने के बाद अपने भाषण में कोविंद ने कहा कि मैं मिट्टी के घर में पला-बढ़ा हूं। हमारे देश की भी यही गाथा रही है। संविधान की प्रस्तावना में उल्लेखित न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के मूल तत्वों का पालन किया जाता है। मैं भी यही करूंगा। 125 करोड़ नागरिकों ने जो विश्वास जताया, उस पर खरा उतरने का वचन देता हूं। मैं डॉ. राजेंद्र प्रसाद, डॉ. राधाकृण्ष्णन, डॉ. कलाम और प्रणब मुखर्जी जिन्हें हम प्रणब दा कहते हैं, उनके पदचिह्नों पर चलने जा रहा हूं। नए राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्र निर्माण अकेले सरकारों द्वारा नहीं किया जा सकता। सरकार सहायक हो सकती है। वह समाज के उद्यमियों को नई दिशा दिखा सकती है। राष्ट्रीय गौरव ही राष्ट्र निर्माण का आधार है। हमें भारत की मिट्टी और पानी पर गर्व है। हमें भारत की संस्कृति-परंपरा-अध्यात्म पर गर्व है। हमें गर्व है अपने कर्तव्यों के निवर्हन पर। देश का हर नागरिक राष्ट्र निर्माता है। प्रत्येक भारतीय मूल्यों का संरक्षक है। देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले सशस्त्र बल राष्ट्र निर्माता है। पुलिस और अर्द्धसैनिक बल जो आतंकवाद से लड़ रहे हैं, वे राष्ट्र निर्माता है। जो किसान तपती धूप में अन्न उगा रहा है, वो राष्ट्र निर्माता है। खेत में न जाने कितनी महिलाएं भी काम करती हैं। जो भारत को मंगल तक ले जा रहा है, या किसी वैक्सीन का आविष्कार कर रहा है, वो राष्ट्र निर्माता है। जिस नौजवान ने अपना स्टार्टअप शुरू किया है और खुद रोजगारदाता बन गया है, वो राष्ट्र निर्माता है।

कोविंद ने शपथ लेने के बाद पहली कतार में मौजूद सुषमा स्वराज, मनमोहन सिंह, प्रतिभा पाटिल, एचडी देवेगौड़ा, नरेंद्र मोदी, अमित शाह, लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, वेंकैया नायडू और सोनिया गांधी से नमस्कार किया। कोविंद ने आडवाणी और जोशी का झुककर अभिवादन किया।