राजद कार्यकर्ताओं पर दस घंटे तक छायी रही लालू की गिरफ्तारी की दहशत
खरी खरी डेस्क
पटना, 29 जनवरी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पटना स्थित दफ्तर के बाहर हजारों की संख्या में जमा राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेताओं और कार्यकर्ताओं में करीब दस घंटे तक यह दहशत छायी रही कि कहीं बिहार के पूर्व सीएम और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को गिऱफ्तार तो नहीं कर लिया जाएगा।
ईडी ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को रेल मंत्री रहते हुए नौकरी देने के बदले जमीन हासिल करने के मामले में पूछताछ के लिए समन देकर बुलाया था। उन्हें 29 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पटना स्थित दफ्तर में पेश होना था। लालू सुबह करीब 11 बजे राबड़ी आवास से बेटी और सांसद मीसा भारती के साथ ईडी दफ्तर पहुंचे। ईडी दफ्तर के बाहर हजारों की संख्या में राजद कार्यकर्ता पहले से ही मौजूद थे। इनमें पार्टी के कई बड़े नेता और विधायक भी शामिल थे। लालू प्रसाद के ईडी दफ्तर पहुंचते ही वहां मौजूद राजद कार्यकर्ताओं की भीड़ ने उनकी गाड़ी को घेर लिया और उनके समर्थन में नारेबाजी करने लगे। लालू ने उनसे शांति बनाए रखने की अपील की और बेटी के साथ अंदर चले गए। पूछताछ लंबी हुई तो ईडी दफ्तर के बाहर मौजूद राजद के जोशीले कार्यकर्ताओं में यह दहशत छाने लगी कि कहीं लालू प्रसाद को गिरफ्तार तो नहीं कर लिया जाएगा। यह दहशत करीब 10 घंटे तब तक बनी रही जब तक लालू और मीसा ईडी दफ्तर के बाहर नहीं आ गए। अपने नेता के सकुशल बाहर आने के बाद कार्यकर्ताओं ने राहत की सांस ली। लालू और उनकी बेटी मीसा वहां से सीधे राबड़ी आवास चले गए।
इससे पहले 19 जनवरी को ईडी की टीम राबड़ी आवास पहुंची। एक अधिकारी की ओर समन के कागजात दिए गए थे। इसे डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की ओर से रिसीव किया गया था। इसमें ईडी के सवालों के जवाब देने के लिए लालू को 29 जनवरी तथा तेजस्वी को 30 जनवरी को पेश होने के लिए कहा गया था। उसी के चलते लालू 29 जनवरी को ईडी दफ्तर पहुंचे थे। इससे पहले भी ईडी की टीम ने लालू यादव और तेजस्वी यादव दोनों पूछताछ के लिए समन भेजा था।