मोदी सरकार ने किसानों को ब्याज में दी छूट
नई दिल्ली, 15 जून। देश भर में फैलते जा रहे किसान आंदोलन से केंद्र की मोदी सरकार भी सहमी हुई है। इसलिए कार्पोरेट सरकार होने का आरोप झेल रही मोदी सरकार ने अब किसानों के हित में फैसले लेने शुरू कर दिए हैं। मोदी कैबिनेट ने किसानों को कर्ज के ब्याज पर छूट की दर तीन फीसदी से बढ़ाकर पांच फीसदी करने का फैसला लिया है।
मोदी कैबिनेट की बैठक में बहुत दिनों बाद किसानों के मुद्दे पर न सिर्फ चर्चा हुई बल्कि बड़ा फैसला भी हुआ। इसके पहले किसानों का कर्ज माफ करने की देश व्यापी मांग के बीच केंद्र ने गेंद राज्यों के पाले मे फेंक दी। वित्तमंत्री ने दो टूक कह दिया कि केंद्र के पास किसानों के करोडों के कर्ज माफ करने के लिए पैसा नहीं है। इसलिए राज्यों को अपनी वित्तीय स्थिति और अपने यहां की समस्या को देखकर अपने स्तर पर फैसला करना होगा। केंद्र सरकार के इस ऐलान से गेंद भले ही राज्यों के पाले में आ गई, लेकिन किसानों के बीच केंद्र की किरकिरी हुई। एक बार फिर यह आरोप लगा कि यह सरकार कार्पोरेट सरकार है। इसके पास बड़े औद्योगिक घरानों का कर्ज माफ करने के लिए पैसा है लेकिन किसानों की कर्जमाफी को राज्यों के पाले में डाला जा रहा है। शायद इसलिए सरकार ने आनन फानन में किसानों को ब्याज में छूट देने का बड़ा फैसला लिया है।
मोदी कैबिनेट के फैसले के अनुसार जो किसान एक साल के अंदर कर्ज चुका देंगे, उन्हें ब्याज में अब पांच फीसदी की छूट दी जाएगी जो अभी तक तीन फीसदी थी। सरकार के इस फैसले से करीब 19 हजार करोड़ का अतिरिक्त वित्तीय भार सरकारी खजाने पर पड़ेगा। केंद्र के इस फैसले से राज्य सरकारों को भी राहत मिलेगी। वे अपने यहां ब्याज माफी की घोषणा कर सकती हैं, क्योंकि पांच फीसदी ब्याज केंद्र द्वारा माफ कर देने से राज्यों पर कम बोझ पड़ेगा।