मन की बात में हरियाणा की हिंसा पर बोले मोदी

Aug 27, 2017

खरी खऱी संवाददाता

 नई दिल्ली, 27 अगस्त। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा में हुई हिंसा अपनी चुप्पी आखिरकार अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में तोड़ी। डेरा सच्चा सौदा के मुखिया गुरुमीत राम रहीम को रेप के मामले में अदालत द्वारा दोषी करार देकर जेल भेजे जाने के बाद डेरा समर्थकों द्वारा की हिंसा पर पीएम मोदी की प्रतिक्रिया की सभी प्रतीक्षा कर रहे थे। यह माना जा रहा था कि हरियाणा विधानसभा चुनाव भाजपा सिर्फ डेरा के समर्थन के चलते जीती है। इसलिए डेरा के मुद्दे पर भाजपा का कोई भी नेता बोलने से बचना चाहता है।

रविवार को प्रधानमंत्री ने अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में हरियाणा की हिंसा पर अपनी राय जाहिर की। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत महात्मा गांधी और भगवान बुद्ध का देश है। यहां हिंसा किसी भी तरह से स्वीकार नहीं की जाएगी। क़ानून हाथ में लेने वाले व्यक्ति या समूह को न तो ये देश और न ही कोई सरकार बर्दाश्त करेगी। प्रधानमंत्री की टिप्पणी के बाद सियासी बयानबाजी शुरू हो गई। सरकार समर्थक जहां दावा कर रहे हैं कि पीएम ने इस तरह राज्य सरकार को हिंसा करने वालों के खिलाफ हर संभव कड़ कदम उठाने के छूट दे दी है। वहीं विरोधियों का कहना है कि मोदी की प्रतिक्रिया बहुत लचर है। इससे राम रहीम के समर्थकों के खिलाफ कड़ कदम उठाए जाने का कोई संदेश नहीं मिला।

पीएम ने 'मन की बात' में कई अन्य मुद्दों पर भी चर्चा करते हुए अपनी राय जाहिर की। उन्होंने अगले महीने आने वाले शिक्षक दिवस का जिक्र करते हुए कहा कि मैं डॉक्टर राधाकृष्णन जी को नमन करता हूं। इस बार जब शिक्षक दिवस मनाएं, क्या हम सब मिलकर एक संकल्प कर सकते हैं। हम बदलाव के लिए सिखाएंगे, सशक्तिकरण के लिए शिक्षित करेंगे। मोदी ने मेजर ध्यानचंद का स्मरण करते हुए कहा कि देश 29 अगस्त को हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद जी का जन्मदिन राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मना रहा है। खेल मंत्रालय ने खेल प्रतिभाओं की खोज के लिए स्पोर्ट्स टैलेंट सर्च पोर्टल तैयार किया है। युवा पीढ़ी खेल जगत में आगे आए, कम्प्यूटर युग में आगाह करना चाहूँगा कि खेल का मैदान प्ले स्टेशन से ज्यादा अहम है। नई पीढ़ी खेल से जुड़े, अगर हम दुनिया के युवा देश हैं तो हमारी ये तरुणाई खेल के मैदान में भी नज़र आनी चाहिए।

पीएम मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना में ग़रीबों के द्वारा क़रीब 65 हज़ार करोड़ रुपया बैंकों में जमा हुआ है। 'प्रधानमंत्री जन-धन योजना' के अभियान को 28 अगस्त को 3 साल हो रहे हैं। लगभग 30 करोड़ परिवारों को इसके साथ जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि 'प्रधानमंत्री मुद्रा योजना' से बैंकों से बिना किसी गारंटी के पैसे मिले और करोड़ों नौजवान खुद अपने पैरों पर खड़े हुए। प्रधानमंत्री जन-धन योजना के साथ जिनका अकाउंट खुला है, उनको बीमा का भी लाभ मिला है।