भाजपा हाईकमान ने तीनों राज्यों के लिए खांटी नेताओं को बनाया पर्यवेक्षक

Dec 08, 2023

खरी खरी संवाददाता

भोपाल, 8 नवंबर। मध्यप्रदेश का नया मुख्यमंत्री चुनने के लिए भाजपा नेतृत्व ने सारी रणनीति फाइनल कर दी है। विधायक दल की बैठक में फैसला करवाने के लिए तीन पर्यवेक्षकों की नियुक्ति के साथ ही राजनीतिक गतिविधियों में सरगर्मी बढ़ गई है। मध्यप्रदेश सहित तीनों राज्यों के लिए पार्टी ने पर्यवेक्षक घोषित कर दिए हैं। मध्यप्रदेश के लिए तय पर्यवेक्षकों में हरियाणा के सीएम मनोहरलाल खट्टर भी शामिल हैं। तीनों राज्यों में खांटी नेता पर्यवेक्षक बनाए गए हैं।

भाजपा संसदीय बोर्ड ने मध्य प्रदेश, राजस्थान एवं छत्तीसगढ़ में विधायक दल के नेता के चुनाव के लिए पर्यवेक्षक शुक्रवार को तय कर दिए। मध्य प्रदेश के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के. लक्ष्मण, राष्ट्रीय सचिव आशा लाकड़ा के नाम तय किए हैं। केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय और राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े राजस्थान जाएंगे और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, सर्वानंद सोनोवाल और राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम छत्तीसगढ़। उनकी मौजूदगी में भाजपा विधायक दल का नेता यानी सीएम चुना जाएगा।

मध्यप्रदेश की बैठक जहां सोमवार को शाम भोपाल में होगी. वहीं अन्य़ राज्यों की बैठक रविवार को वहां की राजधानियों में हो जाएगी। पर्यवक्षेकों के नाम देखकर लगता है कि पार्टी हाईकमान ने तीनों राज्यों के लिए खांटी नेताओं को पर्यवेक्षक बनाया है ताकि कहीं किसी तरह का विवाद न होने पाए। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नरेंद्र सिंह तोमर और प्रहलाद पटेल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के साथ ही कैलाश विजयवर्गीय को भी मुख्यमंत्री पद का प्रमुख दावेदार माना जा रहा है। प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा ने 163 सीटें जीती हैं, जबकि कांग्रेस को सिर्फ 66 सीटें मिली हैं। एक सीट भारत आदिवासी पार्टी ने जीती है। पार्टी ने तोमर और पटेल समेत सात सांसदों को चुनावों में उतारा था। इनमें से केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते मंडला के निवास सीट पर विधानसभा चुनाव हारे हैं। इसके साथ ही गणेश सिंह भी सतना से हार गए। इसके अलावा सांसद रीति पाठक (सीधी), जबलपुर के सांसद राकेश सिंह (जबलपुर पश्चिम), होशंगाबाद के सांसद राव उदय प्रताप सिंह (गाडरवारा) में जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। इन पांचों ने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।