पीएम मोदी राज्यसभा में कांग्रेस पर जमकर बरसे, भ्रष्टाचारियों को बचाने का आरोप
खरी खरी संवाददाता
नई दिल्ली, 3 जुलाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में कांग्रेस पर जमकर हमला बोला और उन्हें दोगला करार तक दे दिया। प्रधानमंत्री सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे। प्रधानमंत्री के जवाब के बाद सभापति ने राज्यसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।
एक दिन पहले लोकसभा में विपक्ष को आड़े हाथों ले चुके प्रधानमंत्री ने राज्यसभा में भी विपक्ष और विशेषकर कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि 'भ्रष्टाचारियों के बचाव का अभियान चलाने लगे हैं। इन्हें शर्म नहीं आ रही है। आज जब भ्रष्टाचारी जेल जा रहे हैं तो ये विरोध कर रहे हैं। आरोप लगा रहे हैं कि सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।भ्रष्टाचार आप करें, शराब घोटाला करें आप, बच्चों के क्लासरूम बनाने में घोटाला करे आप, पानी तक में घोटाला करें आप। आप की शिकायत करे कांग्रेस। आप को कोर्ट तक घसीट कर ले जाए कांग्रेस। कार्रवाई हो तो गाली दें मोदी को। अब साथी बन गए हैं। अगर हिम्मत है तो सदन में खड़े होकर जवाब मांगे। पीएम ने कहा कि कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेस कर सबूत पेश किए। अब यही बताएं कि सबूत सही थे या नहीं। मगर मुझे विश्वास है कि यह जवाब नहीं दे पाएंगे। यह दोगले लोग है।'
पीएम मोदी ने कहा कि जांच एजेंसियों का दुरुपयोग पहले कैसे होता था, यह बताता हूं। मुलायम सिंह ने बताया था कि कांग्रेस कैसे एजेंसियों का दुरुपयोग करती थी। नेता जी कभी झूठ नहीं बोलते थे। मैं मानता हूं कि भ्रष्टाचार एक दीमक है, जो देश को खराब करता है। मैं जी जान से इससे देश को छुटकारा दिलाने के लिए जुटा हूं। हमने काले धंधे के खिलाफ कानून बनाए। हम गरीब कल्याण की योजनाएं चला रहे हैं। हमने कालेधन के खिलाफ कानून बनाया। हमने डीबीटी शुरू किया। हमने डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग किया। लीकेज दूर किया और आज एक नया पैसा लीक नहीं होता है। जब आम आदमी तक योजनाएं पहुंचती हैं, तब उसका लोकतंत्र में भरोसा बढ़ता है और इसी का परिणाम है कि तीसरी बार यहां बैठा हूं।'
उन्होंने कहा, 'आज यह संविधान की बात करते हैं। जबकि ये लोग कभी संविधान की रक्षा नहीं कर पाए। कांग्रेस सबसे बड़ी संविधान की विरोधी है। उन्हें 500 साल की बात करने का हक है, लेकिन आपातकाल पर नहीं बोलते हैं। ये कहते हैं कि ये बहुत पुराना मामला है। यहां बैठे कई लोग हैं, जिनकी शायद मजबूरी होगी जो उनके साथ बैठे हैं। आपातकाल एक मानवीय संकट भी था। उस समय कई लोगों की मौत हुई थी। आम आदमी को भी नहीं छोड़ा गया था। खुद के लोगों के साथ भी जुल्म हुआ था। शायद यह लोग भूल गए हैं। यहां तक कि कई लोगों का तो आजतक पता भी नहीं लगा।'