पीएम मोदी की टीम के पुराने चेहरों को पुरानी जिम्मेदारी ताकि रिजल्ट जल्दी मिले
खरी खरी संवाददाता
नई दिल्ली, 10 जून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी कैबिनेट के बड़े चेहरों के विभागों में कोई बदलाव नहीं किया है। टीम के पुराने चेहरों को पुरानी जिम्मेदारी दी गई है ताकि रिजल्ट जल्दी मिल सके। पीएम का टारगेट सौ दिन में परिणाम देने का है।
एनडीए सरकार की तीसरी पारी शुरू होने के साथ ही इस बात के संकेत मिलने लगे हैं कि सरकार पिछली बार की तरह ही चलेगी और सभी पुराने एजेंडों पर काम होगा। इसलिए कैबिनेट के अधिकांश पुराने चेहरों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुराने विभागों की ही जिम्मेदारी दी है। कैबिनेट का सबसे महत्वपूर्ण अंग कही जाने वाली सीसीएस यानि कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी में वही चेहरे हैं। इस कमेटी में पीएम के अलावा गृह, रक्षा, विदेश और वित्त मंत्रालय आते हैं। इस बार भी पहले की तरह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतामण और विदेश मंत्री एस जयशंकर को बनाया गया है। कैबिनेट के कई और पुराने मंत्रियों के विभाग नहीं बदले गए हैं।
बड़े मंत्रियों के विभाग भी नहीं बदले
धर्मेंद्र प्रधान को इस बार भी शिक्षा मंत्री बनाया गया है। नितिन गडकरी को पिछली बार की तरह सड़क और परिवहन मंत्रालय दिया गया है। पीयूष गोयल को कॉमर्स और इंडस्ट्री मंत्रालय दिया गया है जिसका उन्हें अनुभव है। हरदीप पुरी को पेट्रोलियम मंत्रालय दिया गया है जो पहले भी उनके पास था। अश्विनी वैष्णव को पहले की तरह रेल और आईटी मंत्रालय दिया गया है साथ ही इस बार उन्हें सूचना और प्रसारण मंत्री भी बनाया गया है। भूपेंद्र यादव को पहले की तरह एनवायरमेंट मंत्रालय दिया है। जेपी नड्डा को स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया है वह पहले ही स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री रहे मनोहर लाल खट्टर को ऊर्जा और अर्बन डिवेलपमेंट मंत्रालय दिया गया है।
सहयोगी दलों को भी बड़े विभाग
टीडीपी के राम मोहन नायडू के नागरिक उड्यन मंत्रालय दिया गया है। जेडीएस के एचडी कुमारस्वामी को हेवी इंडस्ट्री और स्टील मंत्रालय, हम के जीतन राम मांझी को एमएसएमई मंत्रालय, जेडीयू के राजीव रंजन सिंह को पंचायती राज, मत्स्य, एनिमल हसबैंडरी और डेयरी विभाग दिया गया है। चिराग पासवान को फूड प्रोसेसिंग मिनिस्ट्री दी गई है। पहले उनके पिता राम विलास पासवान भी इस मंत्रालय के मंत्री रह चुके हैं।
सौ दिन में नतीजे देने की बड़ी चुनौती
पीएम मोदी ने अपने मंत्रियों को भी काम में जुट जाने को कहा है। मोदी ने शपथ ग्रहण से पहले ही अपने मंत्रियों ने कहा था कि पुराने प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द पूरा करें और जनता को रिजल्ट मिलना चाहिए। अब एनडीए सरकार के सामने 100 दिनों में जनता के सामने नतीजे देने की चुनौती है और यही वजह है कि ज्यादातर मंत्रियों को उनका पुराना मंत्रालय ही दिया गया है ताकि निरतंरता बनी रहे और नए मंत्री के लिए चुनौतियां और मुद्दे समझने में वक्त जाया ना हो। पीएम पहले ही कह चुके हैं कि वह चौबीसों घंटे हर दिन उपलब्ध रहेंगे।