दिल्ली में केजरीवाल के उत्तराधिकारी के नाम पर अभी भी असमंजस
खरी खरी संवाददाता
नई दिल्ली, 16 सितंबर। सीएम की कुर्सी मंगलवार को छोड़ देने का ऐलान कर चुके दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के उत्तराधिकारी का नाम अभी असमंजस में है। पार्टी और सरकार में अरविंद के बाद सबसे पावरफुल नंबर दो नेता मनीष सिसोदिया का नाम सीएम पद के दावेदारों में शामिल नहीं होने के कारण, उत्तराधिकारी का सवाल और पेचीदा हो गया। केजरीवाल को दिल्ली के एलजी ने मंगलवार की शाम मिलने का समय दिया है। इस मुलाकात में ही केजरीवाल एलजी को अपना इस्तीफा सौंपेगे। संभवतः उसके बाद ही दिल्ली के नए सीएम के नाम पर से पर्दा हटेगा। नए नेता के चयन को लेकर पार्टी की संसदीय मामलों की समिति (पीएसी) की अहम बैठक सोमवार को सीएम आवास पर हुई लेकिन किसी नाम पर अंतिम मुहर नही लग पाई।
मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने का ऐलान करके अरविंद केजरीवाल ने देश की सियासत और मीडिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। उनका जाना तय हो गया है लेकिन उनकी जगह आएगा कौन यह अभी तक तय नहीं हो पाया है। अगर केजरीवाल और उनकी कोर कमेटी ने कुछ तय भी कर लिया है तो अभी तक इसकी भनक किसी को नहीं लगी है। सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर हुई पार्टी की संसदीय मामलों की कमेटी (पीएसी) की बैठक में कुछ फाइनल नहीं हो पाया। इस बैठक में सीएम ने सभी मंत्रियों से वन टू वन चर्चा की। इस बैठक के दूसरे दौर में मंगलवार को सीएम विधायकों से वन टू वन चर्चा करेंगे। नए नेता का चयन विधायक दल की बैठक में होगा लेकिन यह माना जा रहा है कि केजरीवाल की पत्नी सुनीता और केजरीवाल कैबिनेट के 4 लोगों के नाम सबसे अधिक चर्चा में है। इनमें आतिशी, सौरभ भारद्वाज, गोपाल राय, कैलाश गेहलोत शामिल हैं।
सुनीता केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल सीएम पद की प्रबल दावेदार मानी जा रही हैं। उन्होंने भले ही अभी तक राजनीति में कदम नहीं रखा है, लेकिन पार्टी की गतिविधियों में उनकी सक्रिय भागीदारी से पता चलता है कि वह भ्रष्टाचार विरोधी मुद्दों पर आधारित पार्टी को मजबूती और जोश देने के लिए 'तैयार और उत्सुक' हैं। केजरीवाल के जेल जाने के बाद से वह सार्वजनिक रैलियां कर रही हैं और हरियाणा में पार्टी के अभियान का नेतृत्व भी कर रही हैं। सुनीता के नाम को लेकर अटकलें तब तेज हो गईं, जब यह स्पष्ट हो गया कि अरविंद केजरीवाल के सबसे करीबी और भरोसेमंद सहयोगी मनीष सिसोदिया शीर्ष पद के लिए दावेदारी में नहीं होंगे।
आतिशी
आतिशी सीएम पद की दौड़ में सबसे आगे निकलती दिख रही हैं। वे 2013 के विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी की घोषणापत्र मसौदा समिति की एक प्रमुख सदस्य थीं और शुरुआती दौर में पार्टी को आकार देने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी। आप की मुखर नेताओं में से एक होने के अलावा, उन्होंने केजरीवाल के उपवास विरोध के मॉडल को भी दोहराने की कोशिश की।नेतृत्व के क्रम में उनकी अहमियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि केजरीवाल ने उन्हें दिल्ली सरकार के स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए चुना था।
सौरभ भारद्वाज
स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज भी इस पद के लिए संभावित प्रमुख चेहरों में से हैं। सत्येंद्र जैन, मनीष सिसोदिया और खुद अरविंद केजरीवाल जैसे शीर्ष आप मंत्रियों के जेल जाने के बाद, सौरभ अपनी बात पर अड़े रहे और भाजपा की ओर से लगातार हो रहे हमलों के बावजूद प्रमुख मुद्दों पर पार्टी के सैद्धांतिक रुख का बचाव किया। घोटालों में कथित संलिप्तता के कारण शीर्ष आप नेताओं के जेल जाने के बाद सौरभ और आतिशी को सबसे अधिक जिम्मेदारियां सौंपी गईं।
गोपाल राय
पर्यावरण, वन और वन्यजीव मामलों के मौजूदा कैबिनेट मंत्री गोपाल राय आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल के एक और करीबी और दीर्घकालिक सहयोगी हैं। आप के संस्थापक सदस्यों में से एक होने के नाते, गोपाल राय पार्टी में काफी हद तक एक निर्विवाद और बेदाग व्यक्ति रहे हैं। यह एक ऐसा बिंदु है जो उनकी संभावनाओं के पक्ष में होगा क्योंकि पार्टी 2025 में होने वाले दिल्ली चुनावों से पहले अपनी 'स्वच्छ छवि' को बहाल करने के लिए बदलाव करना चाहेगी।
कैलाश गहलोत
कैलाश गहलोत आप सरकार में सबसे वरिष्ठ मंत्रियों में से एक हैं और वर्तमान में आठ विभागों का प्रभार संभाल रहे हैं। उन्होंने ही छत्रसाल स्टेडियम में दिल्ली सरकार के 78वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद, सभा को संबोधित करते हुए, "स्वतंत्रता के वास्तविक अर्थ" पर सवाल उठाया और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को "आधुनिक स्वतंत्रता सेनानी" कहा। उन्होंने कहा था, "हमारे कई वीर सपूतों ने हमें आजादी दिलाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाली। लेकिन मन दुखी है कि आज लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए मुख्यमंत्री सलाखों के पीछे हैं और मुझे उनकी जगह पर मौजूद रहना पड़ रहा है। अरविंद केजरीवाल आधुनिक समय के स्वतंत्रता सेनानी हैं।"