दिग्गी की राजपूत धर्म की बात भी नहीं माने बाघेला
खरी खरी संवाददाता
नई दिल्ली, 8 अगस्त। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह ने गुजरात में राज्य सभा चुनाव की वोटिंग होने तक बागी हो चुके अपने बुजुर्ग साथी शंकर सिंह बाघेला को मनाने की कोशिश की ताकि उनके समर्थकों के वोट कांग्रेस प्रत्याशी अहमद पटेल को मिल सकें। दिग्विजय सिंह ने आखीर में जातीय दांव खेलते हुए बाघेला को राजपूत धर्म की भी याद दिलाई लेकिन बाघेला नहीं माने और अहमद पटेल के पक्ष में मतदान नहीं किया।
गुजरात में सिर्फ अहमद पटेल नहीं बल्कि पूरी कांग्रेस के लिए जीवन मरण का सवाल बन गए राज्य सभा चुनाव में पार्टी की जीत का सारा दारमोदार बागी नेता शंकर सिंह बाघेला और उनके समर्थक विधायकों के वोटों पर टिका था। अगर बाघेला और उनके समर्थक कांग्रेस के साथ बने रहते तो कांग्रेस की जीत शत प्रतिशत तय थी। लेकिन बाघेला के बागी हो जाने के कारण समीकरण बिगड़ गए। इसलिए दिग्विजय सिंह ने गुजरात में वोटिंग शुरू होने के पहले तक बाघेला को मनाने की कोशिश की। दिग्विजय सिंह ट्वीटर पर लगातार सक्रिय रहे और बाघेला को मनाते रहे कि वे कांग्रेस का साथ न छोड़ें और अहमद पटेल के पक्ष में वोटिंग करके उन्हें जिताएं। उन्होंने बाघेला को खजुराहो में हुए सियासी ड्रामे की भी याद दिलाई, साथ ही नरेंद्र मोदी के साथ बाघेला के रिश्तों में आई कड़वाहट का भी जिक्र किया। इसके बाद उन्होंने बाघेला को राजपूत धर्म की याद दिलाते हुए कांग्रेस का समर्थन करने की अपील की। लेकिन बाघेला पर इस सब का कोई असर नहीं पड़ा। वोटिंग के बाद उन्होंने खुद ही कहा कि उन्होंने कांग्रेस के पक्ष में मतदान नहीं किया। उनके इस बयान के बाद कांग्रेस को भले ही निराशा हुई हो लेकिन दिग्विजय सिंह को जरूर दुख हुआ होगा।