तैंतीस हत्याएं करने वाले दर्जी का कबूलनामा

Sep 13, 2018

खरी खरी संवाददाता  

भोपाल, 13 सितंबर। पुलिस की गिरफ्त में आया कोई शख्स जब अपना अपराध कबूल करता है तो पुलिस दल खुश हो जाता है कि उसकी मेहनस सफल हो गई। लेकिन भोपाल पुलिस की गिरफ्त में आए एक अपराधी के हर कबूलनामे से पुलिस अफसरों के हाथ पांव फूल जाते हैं। वह शख्स रोज ही नई हत्याओं और अपराधों का खुलासा करता है और उसके खुलासे के साथ ही पुलिस अफसरों के चेहरों पर तनाव आ जाता है। आखिरकार तनाव क्यों न आए.. जिस शख्स को ट्रक लूटने वाला सामान्य अपराधी मान रहे थे, वह अब 33 हत्याएं करने का राज खोल चुका है। पेश से दर्जी का काम करने वाला यह शख्स 33 हत्याओं का खुलासा करके पुलिस के लिए चुनौती बन गया है। यह शख्त ट्रक ड्राइवरों और क्लीनरों को ही मारता था और उनका ट्रक लूटकर बेच देता था।

भोपाल के पुलिस उप-महानिरीक्ष धर्मेन्द्र चौधरी ने बताया कि आरोपी आदेश खामरा और उनके गैंग ने अब तक 33 हत्या की बात स्वीकारी है, जिनमें से अधिकांश की पुष्टि हो चुकी है और लगातार हम इसमें खोजबीन कर रहे हैं। पूरे मामले में पांच से छह राज्यों के कनेक्शन हो सकते हैं। पुलिस ने बताया कि ये लोग हाइवे पर ट्रक चालकों से दोस्ती करते थे फिर उन्हें नशे की गोलियां खिलाकर बेहोश कर देते थे। उसके बाद वह चालक और क्लीनर की हत्या कर ट्रक लेकर भाग जाते थे और उस पर लदे सामानों को बेच देते थे। डीआईजी चौधरी ने बताया कि इन लोगों ने मध्य प्रदेश के साथ ही दूसरे राज्यों में भी ट्रक चालकों की हत्या की बात स्वीकारी है। इन्होंने महाराष्ट्र, उड़ीसा और छत्तीसगढ़ में भी कई घटनाओं को अंजाम दिया है।

पिछले महीने की 15 तारीख़ को भोपाल पुलिस को एक लाश मिली थी, जो औबेदुल्लागंज के रहने वाले 25 साल के माखन सिंह की थी। पुलिस हत्यारे को तलाश कर रही थी। मृत व्यक्ति भोपाल से लगे इंडस्ट्रीयल क्षेत्र मंडीदीप से लोहे का सरिया लेकर ट्रक से निकला था। ट्रक लावारिस हाल में भोपाल में मिला लेकिन ड्राइवर की हत्या किसने की थी यह पता नहीं लग पाया। पुलिस ने इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ़्तार किया। उससे पूछताछ की गई तो उसने दूसरे लोगों के नाम बताए। इसके बाद कुछ और गिरफ़्तारियां की गईं और जब उनसे कड़ाई से पूछताछ हुई तो उन्होंने एक के बाद एक कई राज़ उगले।  पुलिस ने इस मामलें में नौ लोगों को गिरफ़्तार किया है।

मुख्य आरोपी आदेश खामरा को उसके साथियों की निशानदेही पर उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर के जंगलों से भोपाल पुलिस ने पिछले हफ़्ते गिरफ़्तार किया था। वह पेशे से दर्ज़ी हैं और भोपाल से बाहर मंडीदीप इलाक़े के मुख्य मार्केट में उनकी दुकान है। लेकिन वह खतरनाक अपराधी भी है। उसने ट्रक लूटने और ड्राइवर तथा क्लीनर को मारने का अपराध 2010 से शुरू किया था।

महाराष्ट्र के अमरावती और नासिक में दो घटनाओं में ट्रक चालकों की हत्या हुई थी। इसके बाद मध्य प्रदेश में इस तरह के काफ़ी मामले सामने आये। दूसरे प्रदेशों में भी ऐसी वारदात को वो अंजाम देने लगे।आदेश का साथी जयकरण भी पुलिस की गिरफ़्त में है जो उनके साथ घटना का अंजाम देता था। दोनों के निशाने पर 12 से 14 टायर वाले ट्रक होते थे। ये ट्रक उत्तर प्रदेश और बिहार में बिचौलियों की मदद से बेच दिए जाते थे। हर हत्या के बाद वो अपना फोन और सिम बदल लेता था। पुलिस के मुताबिक़, उन्होंने 43 से अधिक फोन और 50 से ज़्यादा सिम इस्तेमाल किए थे।