गोरखालैंड की मांग से जल रहा है दार्जिलिंग
दार्जिलिंग। कंचनजंघा की पहाडियों पर भले ही शीतलता फैली हो और सुकून की तलाश में देश भर से पर्यटक वहां पहुंच रहे हैं। लेकिन कंचनजंघा की गोद में बसा दार्जिलिंग इस समय जल रहा है। अलग गोरखालैंड की मांग को लेकर शुरू हुई हिंसात्मक बंद की कवायद ने दार्जिलंग सहित पूरे पहाड़ी इलाके को अपनी चपेट में ले लिया है। सेना और पुलिस बलों की धमक पूरे पहाड़ी इलाके में गूंज रही है। आंदोलन की अगुवाई करने वाले संगठऩ गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने पूरे उत्तरी बंगाल में आंदोलन की आग फैला दी है।
दार्जिलिंग में दोबारा भड़की हिंसा के बाद प्रमुख गोरखा नेता रोशन गिरी ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। उन्होंने गोरखालैंड आंदोलन के बारे में गृहमंत्री को बताया और इस मामले में केंद्र से हस्तक्षेप की मांग की। नई दिल्ली में हुई इस मुलाकात के वक्त उनके साथ दार्जिलिंग के भाजपा सांसद एसएस आहलूवालिया भी मौजूद थे। रोशन गिरी गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के महासचिव हैं, पार्टी सुप्रीमो विमल गुरुंग के बाद उन्हें प्रमुख नेता के तौर पर मान्यता मिली हुई है। रोशन गिरी ने कहा कि वे लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलकर अपनी बात कहना चाहते हैं। उऩ्हें बताना चाहते हैं कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उत्तर बंगाल के पहाड़ी इलाकों में बांग्ला भाषा की पढ़ाई अनिवार्य कर हमें विरोध करने पर मजबूर किया है। इधर, पश्चिम बंगाल पुलिस ने एदार्जिलिंग के पाटलेबासा इलाक़े में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के सुप्रीमो विमल गुरुंग के दफ्तर पर छापा मारा। यह दफ्तर उनके घर से सटा हुआ है। पुलिस ने दावा किया कि वहां से आपत्तिजनक वस्तुएं और हथियार बरामद किए गए हैं। इसके बाद उनके दफ्तर को सील कर दिया गया।
पश्चिम बंगाल पुलिस के एडीजी सिद्धिनाथ गुप्ता ने बताया कि पुलिस ने पक्की सूचना के बाद उनके दफ्तर पर छापा मारा था। वहां से बड़ी मात्रा में हथियार, विस्फोटकों और नगद रुपयों की बरामदगी की गई । हम इस मामले की जांच कर रहे हैं और ज़रुरत पड़ने पर आगे भी कार्रवाई की जाएगी। विमल गुरुंग के दफ्तर पर छापे के बाद दार्जिलिंग व आस-पास के इलाकों में हिंसा भड़क गयी। गोरखा जन मुक्ति मोर्चा के युवा विंग और महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने सिंगमारी स्थित पार्टी दफ्तर के पास जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद पुलिस ने उनपर आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज भी किया। इस दौरान कई लोग घायल हो गए।
आक्रोशित भीड़ ने वहां एक न्यूज चैनल की गाड़ी में भी आग लगा दी। उस गाड़ी से समाचार कवर करने गयीं पत्रकार पूजा मेहता ने बताया कि उस वक्त वहां पुलिस के जवान मौजूद नहीं थे। इसका फायदा उठाकर आंदोलनकारियों ने हमारी गाड़ी में आग लगा दी। आंदोलनकारियों ने कैलिम्पोंग के पोडोंग पुलिस चौकी और सेरीकल्चर कार्यालय को भी आग के हवाले कर दिया। इसका व्यापक असर पड़ा है. इस मौसम में पर्यटकों से गुलज़ार रहने वाले दार्जिलिंग में मौजूद लोग होटल खाली कर वापस चले गए। इस कारण तमाम होटलों में ताले लटक गए हैं।
गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता व मशहूर टिप्पणीकार स्वराज थापा ने बीबीसी को बताया कि सरकार चाहे तो इस बंद से बचने का रास्ता निकाल सकती है। केंद्र व राज्य की सरकारों को इस मुद्दे पर गोरखा समुदाय से बातचीत करनी चाहिए।