गैंगस्टर छोटा राजन को जाली पासपोर्ट सरकारी एजेंसियों ने ही दिया

Sep 09, 2016

नई दिल्ली। गैंगस्टर छोटा राजन को जाली पासपोर्ट भारतीय एजेंसियों ने ही उपलब्ध कराया था, ऐसा उसकी जान की सुरक्षा के लिए किया गया था। छोटा राजन ने खुद यह बात एक अदालत को बताई है। राजन ने  दिल्ली की एक कोर्ट में एक पेशी के दौरान दावा किया कि वह देश भक्त है और इसलिए सरकारी एजेंसियां उसकी मदद करती हैं। उन्होंने ने ही उसे जाली पासपोर्ट उपलब्ध कराया था।

राजन ने अदालत को बताया कि वह चरमपंथियों और भारत-विरोधी उन ताक़तों से लड़ता रहा है जो देश को नुक़सान पहुंचाने और मासूमों की जान लेने पर आमादा हैं। उसने कहा कि वह उन लोगों का नाम नहीं बता सकता जिन्होंने राष्ट्रहित में उसकी मदद की है। राजन के अनुसार जब दाऊद इब्राहीम को पता चला कि वह भारतीय एजेंसियों की मदद कर रहा है तो उन लोगों ने दुबई में राजन का असली पासपोर्ट छीन लिया।

दिल्ली की इस विशेष अदालत में छोटा राजन ने कहा कि, "किसी तरह जान बचा कर मैं दुबई से मलेशिया गया और फिर बैंकॉक में मुझ पर जानलेवा हमला हुआ। इसलिए मुझे मोहन कुमार नाम का पासपोर्ट मुहैया कराया गया।

 

छोटा राजन पर भारत के अंडरवर्ल्ड से जुड़े होने के आरोप हैं और उनके ख़िलाफ़ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। दिल्ली की एक अदलात में उस पर धोखाधड़ी और आपराधिक साज़िश रचने के मामले की सुनवाई चल रही है। सीबीआई ने राजन पर मकोका के तहत कई मामले दर्ज किए हैं जो कथित तौर पर जबरन वसूली और हत्या की कोशिश को लेकर हैं। इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस के बाद अक्तूबर, 2015 में इंडोनेशिया पुलिस ने राजन को ऑस्ट्रेलिया से आने के तुरंत बाद गिरफ़्तार किया था। पिछले साल 6 नवंबर, 2015 को राजन को भारत निर्वासित किया गया था और तब से वो हिरासत में है।