गुजरात में अब चलेगा 'बदबू गुजरात' की कैंपेन
अहमदाबाद। मुख्यमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी के शासनकाल में महानायक अमिताभ बच्चन ने गुजरात के पर्यटन ब्रांड एंबेसडर के रूप में बेहतरीन कैंपेन किया था। विज्ञापनों में अमिताभ बच्चन की ये लाइन ख़ासी चर्चा में रही थी- '.....कुछ दिन तो गुज़ारिए गुजरात में.. खुशबू गुजरात की। अब गुजरात के दलित उसी तर्ज पर एक एंटी कैंपेन चलाने जा रहे हैं जिसकी पंच लाइन होगी कुछ दिन तो गुज़ारिए गुजरात में..देखिए बदबू गुजरात की। गुजरात के ऊना में मृत पशुओं की खाल उतारने वाले दलितों के साथ मारपीट के बाद से गुस्साए दलित भाजपा और उससे जुड़े संगठनों तथा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। बदबू गुजरात की कैंपेन उसी विरोध का हिस्सा है।
दलित नेताओं ने फैसला लिया है कि उना दलित अत्याचार संघर्ष समिति के बैनर तले अमिताभ को लिखेंगे- ''मोदी जी के कहने पर आपने खुशबू गुजरात की देखी। अब हमने मृत पशुओं की खाल निकालने का काम छोड़ दिया है। इसलिए कुछ दिन तो गुजारिए गुजरात में और देखिए बदबू गुजरात की। दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने ये जानकारी फ़ेसबुक पर पोस्ट की है। जुलाई में गुजरात के उना में जानवर की खाल निकालते दलितों की पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद कई हफ़्ते तक दलितों के संगठनों ने व्यापक विरोध प्रदर्शन किए थे। इस मामले में निलंबित चार पुलिसवालों को गिरफ़्तार कर लिया गया है। इसके अलावा लगभग 30 अन्य अभियुक्तों को भी गिरफ़्तार किया गया था।
जिग्नेश मेवाणी ने 15 अगस्त की रैली में 10 हज़ार से ज्यादा लोगों को शपथ दिलाई थी कि वो 'अब मृत पशु की खाल नहीं निकालेंगे और गटर में उतरकर सफाई नहीं करेंगे। दलितों के महासम्मेलन में मेवाणी ने मांग की थी इन दलितों को तीस दिन के भीतर पांच-पांच एकड़ जमीन और वैकल्पिक रोज़गार दी जाए, नहीं तो रेल रोको और जेल भरो आंदोलन चलाया जाएगा।'' नया एंटी कैंपेन उसी विरोध अभियान का हिस्सा होगा।