खुद को नाजायज साबित करने की लंबी लड़ाई लडने वाले रोहित जिंदगी से हार गए

Apr 17, 2019

खरी खरी डेस्क

नई दिल्ली। खुद को जायज ठहराने के लिए तो हर कोई लड़ी लड़ता है, लेकिन रोहित शेखर वह शख्स हैं जिन्होंने खुद को नाजायज साबित करने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी और जीते। कानून की लंबी लड़ाई में वे भले ही जीत गए लेकिन जिंदगी की लंबी लड़ाई में वे हार गए और मात्र 40 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। फिलहाल उनकी मौत का कारण दिल कादौरा पड़ना बताया जा रहा है।

बात हो रही है कांग्रेस के दिग्गज नेता और यूपी तथा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे एनडी तिवारी के पुत्र रोहित शेखर की। जिनका बीते दिनों दिल्ली में निधन हो गया। दक्षिण दिल्ली के डीसीपी विजय कुमार ने इसकी जानकारी दी। उनके मुताबिक, रोहित शेखर को जब तक मैक्स अस्पताल साकेत में लाया गया, तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। मैक्स अस्पताल की ओर से जारी एक बयान में बताया गया कि मंगलवार की शाम क़रीब पौने पांच बजे अस्पताल को एक इमरजेंसी कॉल आया था। ये फ़ोन रोहित शेखर तिवारी के घर से आया था। जिसके बाद एक एंबुलेंस रोहित को लेकर साकेत स्थित मैक्स अस्पताल पहुंची, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। उल्लेखनीय है कि महज़ छह महीने पहले 18 अक्टूबर, 2018 को नारायण दत्त तिवारी का निधन हुआ था।

लगभग 40 साल के रोहित शेखर का जीवन उतार चढ़ाव से भरा रहा है। उन्होंने सात साल तक चले अपने आप में ऐतिहासिक रहे मुकदमे में खुद को नारायण दत्त तिवारी का नाजायज़ बेटा साबित किया था। जब 2014 में जब इस मामले का फैसला आया था तब रोहित शेखर ने कहा था, "मैं दुनिया का शायद पहला व्यक्ति हूं जिसने खुद को नाजायज़ साबित होने के लिए मुकदमा लड़ा है।" बहरहाल, फैसला आने के कुछ ही दिनों के बाद नारायण दत्त तिवारी ने रोहित शेखर की मां उज्जवला शर्मा से शादी कर ली। नारायण दत्त तिवारी ने भी रोहित शेखर को अपना जायज़ बेटा मान लिया। अदालत का विवाद खत्म होने के बाद रोहित अपने पिता के साथ ही रहा करते थे। रोहित शेखर जनवरी, 2017 में बीजेपी में शामिल हुए थे। एक साल पहले उन्होंने इंदौर की अपूर्वा शुक्ला से शादी की थी, जो सुप्रीम कोर्ट में वकालत करती हैं।