उप्र : भाजपा करेगी विधानमंडल के नेताओं का चुनाव
लखनऊ, 16 जून| उत्तर प्रदेश में 19 जून से विधानमंडल का सत्र शुरू हो रहा है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अभी तक दोनों सदनों में अपने नेता का चुनाव नहीं कर पाई है। विधान परिषद और विधानसभा में नेता की जिम्मेदारी संभालने वाले दोनों व्यक्ति संसद पहुंच गए हैं, जिससे ये दोनों अहम पद खाली पड़े हुए हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार, दोनों सदनों के उपनेता ही यह जिम्मेदारी संभाल सकते हैं।
भाजपा विधानमंडल दल के नेता हुकुम सिंह कैराना लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर संसद पहुंच चुके हैं तो विधानपरिषद में भाजपा के नेता नैपाल सिंह रामपुर से लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बन गए हैं। इन दोनों वरिष्ठ नेताओं के स्थान पर जिम्मेदारी किसे दी जाएगी, इसे लेकर पार्टी के भीतर मंथन चल रहा है।
पार्टी सूत्रों की मानें तो इस सत्र के दौरान विधान परिषद और विधानसभा में उपनेता ही इसकी जिम्मेदारी संभालेंगे। विधानसभा में सतीश महाना भाजपा के उपनेता हैं तो मुख्य सचेतक की जिम्मेदारी राधा मोहन अग्रवाल के कंधों पर है।
ज्ञात हो कि लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने 11 विधायकों को चुनाव मैदान में उतारा था और इनमें से सभी विधायक जीतकर संसद में पहुंचने में कामयाब रहे हैं।
पार्टी के एक पदाधिकारी ने बताया कि 18 जून को विधानमंडल दल की बैठक होने वाली है। बैठक में ही यह तय किया जाएगा कि विधानसभा और विधानपरिषद में नेता कौन होगा।
विधान परिषद में नेपाल सिंह के बाद अब यज्ञदत्त शर्मा, हृदय नारायण दीक्षित, महेंद्र सिंह और केदार नाथ सिंह ही मौजूद हैं और ऐसी संभावना है कि यज्ञदत्त शर्मा और केदारनाथ सिंह में से किसी एक को विधानपरिषद में यह जिम्मेदारी दी जा सकती है।
इस मुद्दे पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा, "नेता के चुनाव करने का संकट हमारे सामने नहीं है। मुझे लगता है कि सदनों के उपनेता ही विधानमंडल दल के नेता की जिम्मेदारी संभालेंगे।"
उन्होंने कहा कि हर किसी को अपनी प्रतिभा साबित करने का मौका मिलना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि 19 जून से विधानमंडल के दोनों सदनों का सत्र शुरू होने जा रहा है। इस बार बिजली, कानून व्यवस्था और महिला उत्पीड़न के मुद्दे को लेकर सदन में हंगामा होने की संभावना है।