अयोध्या मामला हमारे लिए हिंदू-मुस्लिम या आस्था का नहीं: जस्टिस बोबडे
खरी खरी डेस्क
नई दिल्ली। देश के अगले मुख्य न्यायाधीश जस्टिस शरद अरविंद बोबडे ने कहा कि हम अयोध्या मामले को हिंदू बनाम मुस्लिम के नजरिए से नहीं देखते। अयोध्या मामले को लेकर हम पर किसी प्रकार का दबाव नहीं है। यह मामला 1949 से लटका है। इस मसले को हम आस्था के हिसाब से भी नहीं देख रहे। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि इस मामले के फैसले पर सामाजिक प्रभाव के बारे में नहीं सोच रहे, यह हमारी चिंता का विषय नहीं है। बता दें कि जस्टिस बोबडे उन पांच जजों की पीठ का हिस्सा हैं जिसने रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले की रोजाना सुनवाई की।
एक न्यूज चैनल से खास बातचीत में जस्टिस बोबडे ने कहा कि अयोध्या मामला कोई पोलिटिकल नहीं है। हिंदू बनाम मुस्लिम की राजनीति हो रही है। हम कोई राजनीतिक मामला नहीं हल कर रहे हैं। हम तो याचिकाकर्ताओं के दावे की जांच कर रहे हैं। जस्टिस बोबडे ने कहा कि कोई हारे और कोई जीते हमारा इससे कोई मतलब नहीं है। हम आस्था के नजरिए से इस मसले पर विचार नहीं कर रहे। हम तो ठोस सबूतों पर मामले को देखेंगे। जस्टिस बोबडे ने कहा कि हमें फैसला देना है। बाद में कोई क्या करता है उसे हम नहीं सोचते। हमें तो फैसला देने पर फोकस रखना है।
बता दें कि अयोध्या के बाबरी मस्जिद-राम मंदिर मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है। उम्मीद की जा रही है कि नवंबर में ही इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला दे सकता है। सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पांच जजों की बेंच ने 40 दिन तक लगातार सुनवाई करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। इस पीठ में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर भी शामिल हैं।