सीएम की साफगोई से कैबिनेट विस्तार की उम्मीदों पर लगा ब्रेक
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 28 दिसंबर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट विस्तार की संभावनाओं खुद ही ब्रेक लगा दिया है। मुख्यमंत्री ने भाजपा के जिला अध्यक्षों के प्रशिक्षण वर्ग में कह दिया कि अभी उनकी प्राथमिकता कैबिनेट विस्तार नहीं, माफिया का सफाया है। साफगोई के साथ मुख्यमंत्री के इस इंकार ने कैबिनेट में जगह पाने की कवायद में जुटे विधायकों को निराश किया है, लेकिन हर कोई कैबिनेट विस्तार को मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार बताकर संतोष दिखा रहा है।
सीहोर में चल रहे भाजपा के जिला अध्यक्षों के दो दिन के प्रशिक्षण वर्ग में मुख्यमंत्री से कैबिनेट विस्तार का सवाल पूछा जाना तय था। लेकिन मुख्यमंत्री सवाल का जवाब हमेशा की तरह देने की बजाय एकदम इंकार वाले अंदाज मे देंगे, इसकी उम्मीद किसी को नहीं था। क्योंकि मीडिया ने मुख्यमंत्री से यह सवाल 10 नवंबर को उपचुनाव का परिणाम आने के बाद कई बार पूछा। उन्होंने या तो सवाल को टाल दिया या इंतजार करने की सलाह दी… लेकिन इस बार उनका जवाब कई उम्मीदों पर पानी फेरने वाला था। उन्होंने कह दिया कि अभी विस्तार उनकी प्राथमिकता नहीं है।
मुख्यमंत्री के जवाब ने सबको चौंका भले ही दिया लेकिन कोई खुलकर कुछ नहीं बोल रहा है। यहां तक कि इस कार्यक्रम के बाद ग्वालियर पहुंचे सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया भी इस सवाल पर झुंझला गए। उन्होंने विस्तार को सीएम का विवेकाधिकार बताया। उसी तर्ज पर भाजपा के विधायक और नेता भी चल पड़े हैं। यहां तक कि कैबिनेट कीलाइन में लगे विधायक भी इसे सीएम का विशेषाधिकार बता रहे हैं। भाजपा संगठन तो पहले से ही इस मुद्दे पर सीएम के विशेषाधिकार का राग अलाप रहा है।
विधायक और नेता भले ही कैबिनेट विस्तार को सीएम का विशेषाधिकार बताकर मुद्दे को हलका कर रहे हैं, लेकिन यह तय है कि जोर का झटका धीरे से लगा है। अब नगरीय निकाय चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन ही कैबिनेट में जगह पाने की राह खोल सकता है।