मोदी - शिवराज के बीच अमरकंटक में पिघली बर्फ

May 17, 2017

सुमन

मध्यप्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए यह खुश होने वाली बात है कि करोड़ों रुपए खर्च करके चलाई गई नर्मदा सेवा यात्रा के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और  उनकी सरकार द्वारा नर्मदा के संरक्षण और विकास के लिए तैयार किए गए रोडमैप को एक परफैक्ट डाक्यूमेंट बताया। उन्होंने यह डाक्यूमेंट देश के सभी राज्यों को भेजने का आग्रह मुख्यमंत्री से किया ताकि सभी राज्य अपने यहां नदियों के संरक्षण और संवर्धन के लिए इसी तरह की योजना बना सकें।

सियासत के गलियारों में अक्सर प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बीच राजनैतिक प्रतिद्वंदिता मानी जाती है। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की किसी भी मंच पर मुलाकात के बाद मीडिया में यही सुर्खियां बनती हैं कि प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री को कोई खास तवज्जो नहीं दी। इस बात का भी जिक्र होता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में मुख्यमंत्री का उल्लेख तक नहीं किया। लेकिन अमरकंटक में मीडिया की अवधारणाएं गलत साबित हुईं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में शिवराज सिंह चौहान को यशस्वी और लोकप्रिय मुख्यमंत्री का संबोधन दिया। यही नहीं प्रधानमंत्री ने नर्मदा संरक्षण के लिए चलाए गए इस अनोखे अभियान के लिए शिवराज की जमकर तारीफ की। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि वह गुजरात से हैं और नर्मदा मां के पानी की एक-एक बूंद की कीमत गुजरात वालों से बेहतर कोई नहीं जानता। प्रधानमंत्री ने यह कहकर कि “ऐसे अभियान सभी राज्यों को चलाने चाहिए” मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अभियान पर सफलता की मोहर लगा दी। प्रधानमंत्री ने जिस तरह से नर्मदा सेवा यात्रा की तारीफ की उससे मध्य प्रदेश सरकार के हौसले और भी बुलंद होंगे।

मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि उनकी सरकार प्रदेश की अन्य नदियों के संरक्षण के लिए भी इसी तरह का अभियान चलाएगी। उन्होंने प्रधानमंत्री को भरोसा दिलाया कि नर्मदा के संरक्षण के लिए चलाया गया अभियान अभी समाप्त नहीं होगा, बल्कि जन सहयोग से अनवरत चलता रहेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बात से सहमत थे कि इस तरह के अभियानों में जन भागीदारी बहुत जरूरी है। अमरकंटक की अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री प्रोटोकॉल और सुरक्षा को हाशिए पर रखते हुए नर्मदा कुंड के तट पर बने मंदिरों में पूजा अर्चना करते नजर आए। यहां तक कि वह कलश और ध्वज उठा कर भी चलते नजर आए।

प्रधानमंत्री की अमरकंटक यात्रा ने सियासत का नया अध्याय लिखा है। अभी तक प्रधानमंत्री की अन्य यात्राओं के दौरान उनके और मुख्यमंत्री के बीच जो खिंचाव दिखाई देता था, वह प्रदेश की सत्ता में नेतृत्व परिवर्तन होने का संकेत भी देता था, लेकिन इस यात्रा के दौरान दोनों नेताओं के बीच जो भाव दिखाई पड़े वह इस बात का संकेत हैं कि फिलहाल मध्यप्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन नहीं हो रहा है। पहली बार प्रधानमंत्री के भाषणों में शिवराज सिंह चौहान के प्रति भरोसा दिखाई पड़ा। यह बदलाव मध्यप्रदेश की सियासत में और मजबूती प्रदान करने का संकेत सत्ता के गलियारों में माना जा रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि अब लग रहा है कि 2018 का चुनाव शिवराज की अगुवाई में ही होगा, शायद यही नर्मदा सेवा का फल है।