झारंखड में सरकार पर सस्पेंस बरकरार, विधायकों की शिफ्टिंग की तैयारी
खरी खरी संवाददाता
रांची, 1 फरवरी। बिहार के बाद अब झारखंड में सियासी खेल चल रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिऱफ्तारी के बाद विधायक दल के नेता चुने गए चंपई सोरेन को राजभवन ने सरकार बनाने का बुलावा नहीं दिया। झारखंड मुक्ति मोर्चा की अगुवाई वाले सत्तारूढ़ गठबंधन ने करीब 44 विधायकों के समर्थन वाला पत्र वीडियो के साथ राज्यपाल को सौंप दिया. लेकिन सरकार पर सस्पेंस बरकरार है। विधायकों की तोड़ फोड़ की आशंका को देखते हुए गठबंधन के 44 विधायकों को चार्टड प्लेन से हैदराबाद शिफ्ट करने का प्लान तैयार किया गया, लेकिन खराब मौसम के कारण चार्टड प्लेन रांची एयरपोर्ट से उड़ान नहीं भर सका।
झारखंड में बिहार जैसे सियासी खेल का अंदाजा लगाते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ईडी के हत्थे लगने के पहले अपना गर मजबूत कर लिया। मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए परिवार में मची कलह के बीच उन्होंने पार्टी के दिग्गज नेता तथा अपनी कैबिनेट के वरिष्ठ सदस्य और अपने पिता के सहयोगी चंपई सोरेन को अपना उत्तराधिकार बनाने का प्लान तैयार कर लिया। विधायक दल की बैठक में बिना किसी न नुकर के चंपई को विधायक दल का नेता चुन लिया गया। सत्तारूढ़ गठबंधन के अन्य सदस्यों से समर्थन के पत्र ले लिए गए। उसके बाद राजभवन पहुंचकर हेमंत ने सीएम पद से इस्तीफा दिया और चंपई सोरेन के विधायक दल का नेता चुने जाने की जानकारी दी गई। राजभवन से बाहर आते ही कार्यवाहक मुख्यमंत्री हो चुके हेमंत सोरेन को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया।
दूसरे दिन राजभवन से चंपई सोरेन को शपथ के लिए न्यौता आने का इंतजार किया जाता रहा लेकिन न्यौता नहीं आया। सत्तारूढ़ झामुमो के नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकात भी की लेकिन जल्द ही बुलाने के आश्वासन के अलावा नेताओँ को राजभवन से कुछ भी हासिल नहीं हुआ। भावी मुख्यमंत्री चंपई सोरेन पूरे दिन साथी विधायकों के साथ रांची के सर्किट हाउस मे राजभवन से शपथ के लिए बुलावा आने का इंतजार करते रहे। न्यौते में हो रही देरी के चलते झामुमो नेताओँ का माथा ठनका और सरकार समर्थक सभी विधायकों को हैदराबाद शिप्ट करने का प्लान बनाया गया। यह माना गया कि हैदराबाद में झारखंड के सत्तारूढ़ गठबंधन कांग्रेस की सरकार है, इसलिए वहां विधायक सियासी रूप से सुरक्षित रहेंगे। रांची एयरपोर्ट पर चार्टड प्लेन तैयार हो गए। कई विधायक एयरपोर्ट पहुंच भी गए लेकिन खराब मौसम के कारण हवाई जहाज उड़ नही सके।
दूसरी तरफ ईडी ने हेमंत सोरेन को अदालत में पेश कर रिमांड पर लिया है ताकि उनसे पूछताछ की जा सके।देश के वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने इस मामले को लेकर सुप्रीट कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
झारखंड विधानसभा का गणित
झारखंड में जेएमएम के 29, कांग्रेस के 17, आरजेडी के एक और सीपीआईएमएल के एक विधायक हैं। इनकी कुल संख्या 48 है। वहीं चंपई सोरेन के खिलाफ 32 विधायक हैं. इनमें बीजेपी क 26, आजसू के तीन, निर्दलीय दो और एनसीपी के एक विधायक हैं।यहां कुल 81 सीटें हैं और एक सीट खाली है। बहुमत के लिए 41 सीटों की जरूरत होती है। चंपई सोरेन ने 47 विधायकों के साथ वाला पत्र राज्यपाल को सौंपा है। रांची के सर्किट हाउस में ये सभी विधायक मौजूद हैं। कांग्रेस-जेएमएम सवाल उठा रही है कि जब बहुमत है तो राज्यपाल सीएम की शपथ में देरी क्यों कर रहे हैं। झारखंड में सस्पेंस के बीच बीजेपी ने शुक्रवार को विधायक दल की बैठक बुलाई। वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने सवाल किया कि जब हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया तो राज्यपाल ने अभी तक मुख्यमंत्री क्यों नहीं नियुक्त किया? झारखंड और बिहार के बॉर्डर लगते हैं लेकिन जब नीतीश कुमार के साथ हुआ तो कितनी जल्दी आपने मुख्यमंत्री नियुक्त किया।सिंघवी ने आगे कहा कि क्या आप 47 और 33 के आंकड़े को बदल कर पेश करेंगे? क्या आप राज्यपाल के जरिए समय जुटा रहे हैं या राष्ट्रपति शासन का इंतजार कर रहे हैं? बता दें कि हेमंत सोरेन से बुधवार को ईडी ने करीब सात घंटे तक जमीन घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूछताछ की थी। इस बीच सोरेन ईडी की हिरासत में ही राजभवन पहुंचे और सीएम पद से इस्तीफा दे दिया।