एमपी में मतदान प्रतिशत में बड़ा बदलाव हमेशा सरकार में करता है बदलाव
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 18 नवंबर। मध्यप्रदेश में मतदान प्रतिशत को लेकर सियासी अनुमान हर चुनाव में लगाए जाते हैं। अगर मतदान प्रतिशत में पिछले चुनाव की तुलना में थोड़ा ही बदलाव होता है तो सरकार यथावत रहती है। वोटिंग प्रतिशत में बड़ा फेरबदल सरकार में फेरबदल कर देता है।
साल 1998
इस चुनाव में कुल 60.22 प्रतिशत वोटर्स ने मतदान किया। पिछले चुनाव की तुलना में मतदान में 0.30 प्रतिशत की मामूली गिरावट हुई। साल 1993 में यह 60.52 प्रतिशत था। परिणाम कांग्रेस सरकार में बनी रही।
साल 2003
इस चुनाव में 67.25 प्रतिशत मतदान हुआ। पिछले चुनाव की तुलना में 7.03 प्रतिशत वोटिंग बढ़ी। परिणाम बीजेपी ने कांग्रेस से सत्ता छीन ली।
साल 2008
इस चुनाव में करीब 69.72 मतदान हुआ। पिछले चुनाव की तुलना में करीब 2.47 प्रतिशत की वृद्धि हुई। परिणाम बीजेपी की सरकार यथावत रही।
साल 2013
साल 2013 में मतदान का प्रतिशत 72.07 रहा। पिछले चुनाव की तुलना में 2.35 प्रतिशत की वृद्धि हुई। परिणाम बीजेपी की सरकार बनी रही।
साल 2018
इस साल 75.49 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले। पिछले चुनाव की तुलना में 3.42 फीसदी की वृद्धि हुई। परिणाम कांग्रेस ने बीजेपी से सत्ता छीन ली। बीजेपी को अधिक प्रतिशत वोट मिलने के बाद भी कांग्रेस से पांच सीटें कम मिलीं। बहुमत किसी भी पार्टी को नहीं मिला था।
साल 2023
हाल ही के चुनाव में 76.22 प्रतिशत मतदान हुआ है। यह पिछले चुनाव की तुलना में सिर्फ 0.73 प्रतिशत अधिक है। ऐसे में कोई भी अनुमान लगा पाना मुश्किल है।
यह माना जा रहा है कि अगर वोटिंग का यह प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ा है तो कांग्रेस को फायदा हो सकता है और अगर शहरी क्षेत्रों में बढ़ा है तो भाजपा को फायदा मिल सकता है। यह आंकलन और विश्लेषण 3 दिसंबर तक चलता रहेगा, लेकिन यह तय कि मतदाता ने बंपर वोटिंग कर अपना जो भी फैसला दिया है, उसने साबित कर दिया है कि मतदाता ही सच में भाग्य विधाता है।