इंदौर में अब नोटा के समर्थन और विरोध की सियासत
खरी खरी संवाददाता
इंदौर, 10 मई। देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में सियासत सबसे अस्वच्छ होती जा रही है। पहले कांग्रेस के प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने चुनाव मैदान से अचानक अलग होकर सिय़ासत के रंग को धूमिल किया। इसके बाद बीजेपी ने उन्हें हाथों हाथ भगवा रंग में रंगकर इन आरोपों को पुख्ता कर दिया कि नाम वापसी के पीछे बीजेपी की चाल थी। अब कांग्रेस उस सियासत को और बेरंग कर रही है। कांग्रेस इंदौर में नोटा का प्रचार कर रही है ताकि बीजेपी की लीड कम रह जाए। यह वही कांग्रेस है जिसने खजुराहो में ऐसी ही स्थिति बनने पर एक अनजान से दल के अनजान से प्रत्याशी का समर्थन किया है।
इंदौर में कांग्रेस के उम्मीदवार रहे अक्षय बम की नामवापसी के बाद कांग्रेस अब इंदौर के लोगों से नोट का वोट देने की अपील कर रही है। इसे लेकर कांग्रेस ने एक थीम सांग भी सोशल मीडिया पर लांच किया। जिसके गीत के बोल है ’याद रहे हमको नोटा का बटन दबाना है।’ इंदौर पहुंचे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कार्यकर्ताओं से कहा कि अब हमारा उम्मीदवार नोटा है। उसे ज्यादा से ज्यादा वोट देकर लोगों से अपील करने को कहा है। उन्होंने यह भी कहा कि ज्यादा से ज्यादा नोटा को वोट मिलेंगे तो देश में यह मैसेज जाएगा कि इंदौर में लोकतंत्र की हत्या हुई है। नोटा को लेकर जारी वीडियो जमकर वायरल हो रहा है और कांग्रेस नेता इसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर भी वायरल कर रहे है। वीडियो को लेकर प्रदेश कांग्रेस महामंत्री राकेश सिंह यादव ने कहा कि इंदौर में भाजपा ने दबाव बनाकर कांग्रेस उम्मीदवार बने अक्षय बम का नामांकन वापस करवाया। उन्हें किस तरह भाजपा के विधायक और नेता निर्वाचन कार्यालय लेकर गए थे। यह पूरे देश ने देखा। अब इंदौर लोकसभा सीट कर कांग्रेस इसे मुद्दा बनाकर नोटा को वोट देने की अपील करेगी। दरअसल नामांकन वापसी के अंतिम दिन भाजपा के इशारे पर कांग्रेस प्रत्याशी ने इंदौर में अपना नामांकन वापस ले लिया था। उसके बाद से ही कांग्रेस भाजपा के इस राजनीतिक घटनाक्रम के बदले की तैयारी में थी, लेकिन कोई और विकल्प नहीं बचा तो कांग्रेस ने भाजपा के कारनामे के विरोध में नोटा के समर्थन में मतदान की अपील के लिए मुहिम शुरू की। कांग्रेस की कोशिश है कि जो मतदाता कांग्रेस के समर्थन में मतदान करते हैं उन्हें किसी भी तरह नोटा की तरफ मोड़ दिया जाए जिससे कि इंदौर से भाजपा के कारनामे के खिलाफ एक संदेश देश भर में पहुंचे। भाजपा कांग्रेस के इस अभियान की भी हवा निकलना चाहती है। फिलहाल स्थिति यह है कि शहर के अधिकांश ऑटो रिक्शा पर या तो नोटा के पोस्टर नजर आ रहे हैं या नोटा के विरोध में पोस्टर लगे हैं। कुछ ऑटो रिक्शा चालकों का यह भी कहना है कि जो भी पोस्टर लगाने के पैसे दे रहा है वह तो वही पोस्टर लगा रहे हैं, हालांकि इन पोस्टर में क्या है, और इन्हें पढ़ने के बाद क्या करना है, उन्हें भी ज्यादा जानकारी नहीं है। कांग्रेस के नोटा कैंपेन को लेकर बीजेपी थोड़ा चिंतित भी है। इसलिए उसका जवाब देने के लिए भाजपा अब मैदान में उतर गई है। सोशल मीडिया पर स्लोगन और रील के माध्यम से कांग्रेस को उसी की भाषा में जवाब दिया जा रहा है।