मप्र में जल्द होगा आपरेशन ब्यूरोक्रेसी, वर्षों से जमे अफसरों को हटाया जाएगा
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 16 दिसंबर। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मुख्यमंत्री सचिवालय के प्रमुख सचिव को आनन फानन में बदलकर इस बात का संकेत दे दिया है कि बहुत जल्द कई बड़े अफसरों को नई पोस्टिंग हो सकती है। मुख्यमंत्री सचिवालय सहित कई अन्य महत्वपूर्ण विभागों में लंबे समय से जमे अफसरों को हटाया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने ऐसे अफसरों के सूची तलब की है।
मध्यप्रदेश में लंबे समय बाद सत्ता में बदलाव दिखाई पड़ रहा है। मुख्यमंत्री के रूप में शिवराज सिंह के लंबे कार्यकाल में कई अफसर अंगद के पांव की तरह एक ही विभाग में जमे रह गए। पंद्रह महीने के लिए सत्ता में आई कमलनाथ सरकार ने आपरेशन ब्यूरोक्रेसी चलाया जरूर था, लेकिन पंद्रह महीने में ही सत्ता बदलकर फिर शिवराज सिंह के सीएम बन जाने से प्रशासन तंत्र बहुत जल्द पुराने ढर्रे पर चल निकला। अब सरकार भले ही भाजपा की आ गई है लेकिन मुख्यमंत्री डा मोहन यादव बनाए गए हैं। इसलिए एक बार फिर आपरेशन ब्यूरोक्रेसी चलने की संभावना जताई जा रही है। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव पद से मनीष रस्तोगी की विदाई के साथ ही यह संभावना प्रबल हो गई है। मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने उन अधिकारियों की सूची मंगाई है, जो लंबे समय से मुख्यमंत्री सचिवालय में काम कर रहे हैं। शिवराज सिंह चौहान के बीच के डेढ़ वर्षों को छोड़ दें तो पिछले 18 वर्षों से वे ही मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री रहे हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री सचिवालय और वल्लभ भवन के प्रमुख विभागों में उन्होंने अपने पसंद के अफसरों को तैनात किया था। ऐसे में कई अफसर ऐसे हैं, जो कि 10 साल से भी अधिक समय से तत्कालीन तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ जमे हुए थे।अब शिवराज की विदाई के साथ ही उन अधिकारियों की विदाई भी होने जा रही है, जो लंबे समय से शिवराज की करीबी होने का लाभ ले रहे थे। नए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने संगठन के करीबी ऐसे अधिकारियों की सूची मांगी है, जो लंबे समय से उपेक्षा झेल रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से जुड़े सूत्रों ने बताया है कि सबसे पहले मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक बदले जाएंगे। इसके बाद विभागों के प्रमुख सचिव, कमिश्नर के तबादले की सूची आएगी। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के 55 जिलों के कलेक्टर और एसपी की सूची भी मंगाई है। वैसे भी नए साल में सीएस वीरा राणा और डीजीपी सुधीर सक्सेना का रिटायरमेंट है। इसलिए लोकसभा चुनाव के मद्दे नजर सीएम मोहन यादव अभी से अफसरशाही की जमावट अपने अनुसार करेंगे।