बैंकों की ब्याज दरों में कटौती का एफडी पर असर
आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने बाजार को सरप्राइज कर दिया है। आरबीआई ने रेपो रेट में 0.5 फीसदी की कटौती कर दी है। 0.5 फीसदी की कटौती के बाद अब रेपो रेट 6.75 फीसदी हो गया है। साथ ही रिवर्स रेपो रेट भी 0.5 फीसदी घटकर 5.75 फीसदी हो गया है। आरबीआई दरों में 0.5 फीसदी कमी के बाद बैंक डिपॉजिट पर भी दरें घटाएंगे। एसबीआई ने फिक्स्ड डिपॉजिट पर दरों में 0.25 फीसदी की कमी भी कर दी है। आरबीआई के डबल धमाके के बाद क्या ये बैंक डिपॉजिट करवाने का आखिरी मौका है? इस बारे में फाइनेंसल एक्सपर्ट की राय जानना बहुत जरूरी है। विशेषज्ञों का मानना है कि फिक्स्ड डिपॉजिट के कई फायदे हैं 3 साल से ज्यादा के एफडी पर टैक्स में छूट मिलती है। 3-5 साल के निवेश पर ज्यादातर बैंकों में 7.25-8 फीसदी तक का ब्याज मिलता। इसके साथ ही एफडी में पैसा पूरी तरह सुरक्षित और रिटर्न की गारंटी भी होती है। अगर फिक्स्ड डिपॉजिट का गणित देखें तो 5 लाख रुपये की रकम 3 साल की अवधि के लिए एफडी में रखने पर 7.25 फीसदी ब्याज दर पर सालाना ब्याज के तौर पर 35,125 रुपये और मासिक ब्याज के तौर पर 2927 रुपये मिलते हैं। वहीं 5 लाख रुपये की रकम 3 साल की अवधि के लिए एफडी में रखने पर 8.00 फीसदी ब्याज दर पर सालाना ब्याज के तौर पर 40,000 रुपये और मासिक ब्याज के तौर पर 3332 रुपये मिलते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर एफडी चल रही है तो उसमें आपको डरने की जरूरत नहीं क्योंकि आपको एफडी की अवधि में पूर्वनिर्धारित दर पर ही ब्याज मिलेगा। आपके ब्याज में कोई कटौती नहीं होगी। आपको चिंता तब होनी चाहिए जब आपकी पुरानी एफडी के रिन्युअल का समय आ गया हो। आरबीआई दरों में 0.5 फीसदी कमी के बाद बैंक डिपॉजिट पर भी दरें घटाएंगे। और आगे चल कर डिपॉजिट दरें कम होती जाने की संभावना है। ऐसे में अगर आपके एफडी के रिन्युअल का समय हो तो अब लंबी अवधि के लिए एफडी करवाएं। अब लंबी अवधि के एफडी में ही फायदा है। अभी तो बैंकों ने डिपॉजिट रेट काटना शुरू किया है और पूरी प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। आगे चलकर डिपॉजिट दरों में और कटौती हो सकती है। इसलिए अभी निवेशकों के पास लंबे समय के लिए लॉक-इन करने का आखिरी मौका है।