गया में पिंडदान के लिए विशेष पैकेज

Sep 05, 2013

हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितरों की आत्मा की शांति एवं मुक्ति के लिए पिंडदान अहम कर्मकांड है। आश्विन मास के कृष्ण पक्ष को 'पितृपक्ष' या 'महालय पक्ष' कहा जाता है, जिसमें लोग अपने पुरखों को पिंडदान करते हैं। मान्यता है कि पिंडदान से मृतक की आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। वैसे तो पिंडदान के लिए कई धार्मिक स्थान हैं, मगर सबसे उपयुक्त स्थल बिहार के गया को माना जाता है। 

इस वर्ष 20 सितंबर से प्रारंभ होने वाले पितृपक्ष के दौरान गया में लाखों लोगों के जुटने की संभावना है। यहां लोगों को सुविधाएं देने के लिए बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम ने पितृपक्ष टूर पैकेज तैयार किया है। इस पैकेज में वाहन, होटल और पूजा सामग्री के साथ ही पंडों की भी व्यवस्था की गई है।

पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक अवधेश कुमार ने आईएएनएस को बताया कि पर्यटक और श्रद्धालु टूर पैकेज की ऑनलाइन बुकिंग करा सकेंगे। पैकेज में गया के अलावा पुनपुन नदी को भी शामिल किया गया है। मान्यता है कि पिंडदान के दौरान पहला पिंड पुनपुन नदी के किनारे ही दिया जाता है।

उन्होंने बताया कि टूर पैकेज का लाभ पटना और गया से मिलेगा। दोनों स्थानों के हवाईअड्डा या रेलवे स्टेशन से टूर पैकेज लेने वालों को वाहनों की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। एक साथ दो या तीन व्यक्तियों को पिंडदान करने पर प्रति व्यक्ति अतिरिक्त 1500 रुपये खर्च करना पड़ेगा।

निगम के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि दो दिन के टूर पैकेज में रात्रि विश्राम के साथ-साथ पर्यटन स्थल बोधगया, राजगीर, नालंदा का भ्रमण भी शामिल है। एक दिन के टूर पैकेज में पिंडदान के साथ केवल बोधगया का भ्रमण कराया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इसके जरिए कोई भी व्यक्ति दुनिया के किसी स्थान से इस टूर पैकेज के लिए बुकिंग करा सकता है। उन्होंने कहा कि इस सुविधा से राज्य के अलावा बाहर से आने वाले लोगों को भी काफी सुविधा मिलेगी।

निगम के एक अधिकारी की मानें तो प्रतिदिन बुकिंग का कार्य हो रहा है जबकि कई लोग इसकी जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। इस पैकेज में श्रद्धालुओं के लिए निगम ने अक्षयवट, फल्गु और विष्णुपद में पिंडदान कराने की व्यवस्था की है। 

पटना से अपनी यात्रा की शुरुआत करने वाले तीर्थयात्री को निगम सुबह ले जाएगा और शाम को पिंडदान कराकर और बोधगया घुमाकर वापस पटना ले आएगा। वातानुकूलित कार, भोजन सहित सभी सुविधाएं निगम द्वारा दी जाएंगी। 

एक व्यक्ति पर 7,391 रुपये जबकि दो व्यक्तियों के लिए 9,178 रुपये खर्च करने होंगे। अधिकारियों के अनुसार, गया से पैकेज लेने वालों के लिए अलग मूल्य रखा गया है।

पिंडदान के लिए गया को सवरेत्तम माना गया है। मान्यता है कि पिंडदान के लिए मोक्षदायिनी भूमि में 45 वेदियां विद्यमान हैं, जहां पिंडदान किया जाता है। फल्गु नदी के तट पर बसे गया में विष्णुपद मंदिर के अलावा अन्य पिंडदान स्थलों में रामशिला, प्रेतशिला, मंगला गौरी, सूर्यकुंड, गोप्रचारिणी, ब्रह्मसरोवर, फल्गु घाट, गयासुर वेदी, सीताकुंड, रामकुंड, देवघाट और कागबलि प्रमुख स्थल हैं।

राज्य के पर्यटन विभाग का कहना है कि वैसे तो निगम पिछले कई वर्षो से टूर पैकेज चला रहा है, परंतु इस वर्ष श्रद्धालुओं को दलालों के चक्कर से बचाने के लिए एकीकृत टूर पैकेज तैयार किया गया है। उनका मानना है कि इस पैकेज से जहां निगम की आमदनी बढ़ेगी, वहीं श्रद्धालु को सुविधा भी मिलेगी। बिहार के बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को इसका काफी लाभ मिलेगा।

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