होरी और धनिया का जीवन भारत की असली तस्वीर पेश करता है
खरी खरी संवाददाता
भोपाल। रामकृष्ण रिपरटायर कल्चरल एवं सोशल सोसायटी द्वारा संस्कृति संचालनालय के सहयोग से शहीद भवन में आयोजित तीन दिवसीय रामकृष्ण रंगोत्सव के दूसरे दिन शुक्रवार को कालजयी उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद की अमर कृति गोदान पर आधारित नाटक मंचित किया गया। रंग माध्यम नाट्य संस्था की इस प्रस्तुति के निर्देशक दिनेश नायर थे। मुंशी प्रेमचंद के अमर उपन्यासों में शामिल गोदान पर नाट्य प्रस्तुतियां कई बार हो चुकी हैं। इसके बाद भी हर बार इसकी प्रस्तुति मन को झकझोर देती है। गोदान के नायक और नायिका होरी और धनिया के परिवार के रूप में हम भारत की एक विशेष संस्कृति को सजीव और साकार पाते हैं। जब दिनेश नायर जैसे युवा निदेशक उसे नए जमाने के साथ जोड़ते हैं तो नाटक अलग प्रभाव डालता है। इस बार भी मंच पर कलाकारों का सधा हुआ अभिनय और दमदार निर्देशन दर्शकों को सम्मोहित कर सोचने पर मजबूर करता है। कथा का नायक होरी आज भी किसी न किसी रूप में चरित्र निभा रहा है। अस्सी रुपए का कर्ज लेकर बमुश्किल गाय खरीदने, भाई के संयुक्त परिवार से अलग होने, गाय को जहर दिए जाने, पुलिस के डर से गांव से भाग जाने, गांव वालों द्वारा इसके लिए होरी पर जुर्माना करने, बेटे के एक विधवा से संबंध और फिर उसे छोड़ शहर भाग जाने की पीड़ा झेलता होरी बेटी के विवाह का सौदा 200 रुपए में कर देता है। उसके बाद पुलिस, अफसर, साहूकारों के चंगुल में फंसा होरी और उसकी पत्नी धनिया का जीवन भारत की असली तस्वीर पेश करता है। भाई और बेटे के कारनामों के कर्ज चुकाने के लिए होरी खामोशी के साथ हाड़ तोड़ मेहनत करता है और अंतत: मौत के मुंह में चला जाता है। होरी की कहानी किसी भी गरीब और शोषित भारतीय किसान की भांति ही है। होरी के चरित्र में विद्रोह और क्रांति की इच्छा न दिखाकर एक आम किसान का प्रतिनिधि बनाए रखा शोषण करने वालों का हृदय परिवर्तन न दिखाकर कथा को दुखांत रूप दिया है।
मंच पर
होरी-अंबुज ठाकुर, धनिया-प्रशस्ति शुक्ल, गोबर-विकास शर्मा, झुनिया-आयुषी गारवे, भोला-दीपेश बिन्यानी, दातादीन-चैतन्य सोनी, शोभा-अभिषेक ठाकुर, हीरा-पवित्र नस्कर, रायसाहब-अनुलेख त्रिवेदी, मालती-अधीशा नायर, मेहता-दीपक तोमर, मिर्ज़ा खुर्शीद-दीपेश बिन्यानी, ओंकारनाथ-अभिषेक ठाकुर करिंदा 1-पवित्र नस्कर, करिंदा-2- सुभाष अहीरवार, प्रेमचंद-मोहित हुरमाले।
मंच परे
मंच व्यवस्था-अंबुज ठाकुर, मंच सामग्री-अभिषेक, विकास, पवित्र, स्पर्श, प्रोक्सी अभिनेता-प्रेरणा मिश्ना, रजत शर्मा, स्पर्श, रूपसज्जा- अनुलेख त्रिवेदी, मंचसज्जा-चैतन्य सोनी, अंबुज ठाकुर, मंच निर्माण-अंबुज, विकास, मोहित, वेशभूषा-प्रशस्ति शुक्ल, अधीशा नायर फोटोग्राफी-कृष्णा, उद्घोषणा -चैतन्य सोनी, आयुषी गारवे, संगीत संकलन-रूचिर शुक्ल, अधीशा नायर, नाट्यालेख, परिकल्पना एवं निर्देशन-दिनेश नायर।