साक्षात्कार विजय लक्ष्मी साधौ : भव्य रूप में होगा लता मंगेशकर अवार्ड समारोह

Dec 23, 2019

सुमन त्रिपाठी

भोपाल, 23 दिसंबर। मध्य प्रदेश शासन का संस्कृति विभाग लता मंगेशकर राष्ट्रीय अलंकरण एक बार
फिर भव्य समारोह के साथ शुरू करेगा। इसके साथ ही प्रदेश में कलाओं के
विस्तार और कलाकारों के कल्याण के कल्याण के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं।
संस्कृति मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ने खरी खरी संवाददाता से बात करते हुए यह जानकारी साझा की। प्रस्तुत हैं उनसे बातचीत के संपादित अंश-

सवाल- संस्कृति बहुत बड़ा विभाग है लेकिन ऐसा लगता है कि इसको लूप लाइन का
विभाग मान लिया जाता है।

जवाब- संस्कृति मेरी पसंद का विभाग है। मैं पहले भी इसकी मंत्री रह चुकी
हूं। मुख्यमंत्री कमलनाथ संस्कृति विभाग और कला तथा कलाकारों के लिए बहुत
कुछ करना चाहते हैं। इसके लिए पूरा रोडमैप तैयार किया गया है, उसके
अनुसार तेजी से काम हो रहे हैं, जिनका असर भी दिखाई पड़ने लगा है।
सवाल- संस्कृति विभाग की जो संस्थाएं हैं उनके काम करने को लेकर अक्सर
उंगलियां उठा करती हैं।

जवाब- कांग्रेस की सरकार में ऐसा नहीं होगा। हमारी सोच बहुत व्यापक है और हम
कलाओं व कलाकारों के लिए काम करना चाहते हैं। पहले की सरकारों की तरह
किसी विचारधारा को पोषित करने का काम इस सरकार में नहीं होगा। पिछले एक
साल में म.प्र. में संस्कृति के क्षेत्र में कमलनाथ सरकार ने नई कार्य
संस्कृति का विस्तार किया है। धीरे-धीरे बदलाव शुरू हो गए हैं और बहुत
जल्द आपको तस्वीर एकदम बदली हुई दिखाई देगी और कला संस्कृति के क्षेत्र
में मध्य प्रदेश का नाम होगा।

सवाल- संस्कृति विभाग द्वारा दिए जाने वाले सम्मान, अवार्ड्स और अलंकरण
अक्सर विवादों में रहते हैं, इसे कैसे दूर करेंगे।
जवाब- हमारी सरकार के राज्य स्तरीय, राष्ट्रीय सम्मानों को समय पर देने और
योग्य विद्वानों को देने पर गंभीरता से चिंतन किया है। संस्कृति विभाग
द्वारा दिए जाने वाले शिखर सम्मान कई सालों से नहीं दिए गए थे। हमने हाल
ही में समारोह कर के वर्षों से लंबित सम्मान एक साथ दिए हैं। अब योजना इस
तरह बनाई गई है कि सम्मान समारोह हर साल समय पर हों। राष्ट्रीय सम्मानों
में किशोर सम्मान और लता सम्मान हाशिए पर कर दिए गए थे। किशोर सम्मान की
व्यवस्थाएं ठीक कर दी गई हैं, अब लता मंगेशकर सम्मान समारोह भी अपने
पुराने भव्य रूप में आयोजित किया जाएगा।

सवाल- भारत भवन की छवि को लेकर कला और साहित्य से जुड़े लोगों के मन में
तमाम संशय हो गए हैं। इन्हें कैसे ठीक किया जाएगा?

जवाब- भारत भवन म.प्र. की प्रतिष्ठा वाला केंद्र है। हमारी सरकार इसकी छवि
को बेहतर बनाने के लिए हर सम्भव प्रयास कर रही है। भारत भवन से देश भर के
नामचीन कला विशेषज्ञों को जोड़ा जा रहा है। न्यासी मंडल में भी बदलाव किए
गए हैं। कार्यक्रम का कैलेंडर इस तरह से तैयार किया जा रहा है कि हर
क्षेत्र और विधा के कलाकार यहां पर प्रस्तुति दे सकें।

सवाल- प्रदेश में कलाकारों की स्थिति ठीक नहीं है, जब तक वह काम करते हैं
तब तक ठीक रहता है, बाद में इनकी कोई पूछ परख नहीं होती है, क्या इसकी
चिंता भी है?

जवाब- इस मुद्दे पर कमलनाथ सरकार गंभीरता से चिंतित है। हमने कलाकारों और
उनके आश्रितों को दी जाने वाली सहायता राशि में वृद्धि की है। कलाकारों
की बीमारी में मदद के लिए भी वित्तीय व्यवस्थाएं मजबूत की जा रही हैं।
कलाकारों की आवासीय सुविधा के लिए भी हम विचार कर रहे हैं।
सवाल- म.प्र. में कई क्षेत्र हैं और सबकी अलग-अलग संस्कृति है, क्या सभी
क्षेत्रों के लिए कोई कार्यक्रम तैयार किया गया है?

जवाब- निश्चित रूप से म.प्र. में मालवा, निमाड़, विंध्य, चंबल, बुंदेलखण्ड
और महाकौशल अंचल की अपनी अलग संस्कृति है। इनके संरक्षण के लिए विशेष
प्रयास किए जा रहे हैं। आंचलिक बोलियों के कलाकारों को कला प्रदर्शन के
लिए मंच उपलब्ध कराने की विशेष योजना तैयार की गई है। सभी संस्कृतियों के
समावेश से म.प्र. की छवि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उभारने की
योजना बनाई गई है।