लोकरंग में रामायनी: राम राजा हैं, लेकिन नायक लक्ष्मण हैं
सुमन त्रिपाठी
भोपाल। आदिवासी लोक कला एवं बोली विकास अकादमी मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद् द्वारा संयोजित एवं स्वराज संस्थान संचालनालय दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, नागपुर, उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, प्रयागराज, कला एवं संस्कृति विभाग, मणिपुर शासन के सहयोग से गणतंत्र दिवस के अवसर पर जनजातीय और लोक कलाओं के 34वें राष्ट्रीय समारोह 'लोकरंग' का शुभारम्भ जनसम्पर्क, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, विमानन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग, रेनू तिवारी, संस्कृति सचिव और अनिल कुमार निदेशक, आदिवासी लोक कला एवं बोली विकास अकादमी, मध्यप्रदेश के द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। कार्यक्रम के शुभारम्भ के बाद गोण्ड आख्यान आधारित समवेत नृत्य-नाटिका 'रामायनी' का मंचन कोलकाता के कोरियोग्राफर सुमन साहा के निर्देशन में हुआ। इसका नाट्य रूपांतरण योगेश त्रिपाठी ने किया है तो वहीं मंच पर सूत्रधार की भूमिका में वरिष्ठ रंगकर्मी और सिने अभिनेता राजीव वर्मा रहे।
गोंड जनजाति और रामायण-
मध्यप्रदेश की एक प्रमुख जनजाति है गोंड, जिसमें गोंड रामयनी के रूप में यह कथा पुरातन काल से प्रचलित है, जिसका मूल आधार रामायण है। सात अध्यायों में विभक्त इस कथा में राम तो राजा हैं ही, परन्तु नायक लक्ष्मण हैं। राम और सीता सुखपूर्वक अयोध्या में अपने-अपने महल में निवास कर रहे हैं। परन्तु लक्ष्मण अपने महल में तपस्यारत हैं। वहीं भाभी मां सीता की प्रमुख चिंता है कि लक्ष्मण का ब्याह हो जाए। वह अक्सर स्वप्न देखती हैं और फिर लक्ष्मण को आदेशित करती हैं कि वो जाकर उस कन्या से ब्याह करके महल ले आएं। इस तरह से लक्ष्मण विभिन्न प्रकार के पराक्रमों को करते हुए कभी ब्याह करके लौटते हैं तो कभी असफल भी होते हैं। लक्ष्मण और इंद्रकामिनी, भाग १ व भाग २, लक्ष्मण और तिरियाफूल, लक्ष्मण और मचला दई, लक्ष्मण और रानी फुफैया, लक्ष्मण और बीजुलदई और सीता वनवास, इन सात अध्यायों में विभक्त रामायनी की कथा प्रचलित राम कथा से काफी भिन्न है और इसकी कथा का आरंभ रावण वध के बाद होता है। कथा काफी रोचक है और नाटकीयता से परिपूर्ण है।
मंच पर-
इस नृत्य नाटिका की प्रस्तुति के दौरान मंच पर लक्ष्मी नारायण, राजीव वर्मा, अपूर्वा दत्ता मिश्रा, दिव्यांशी, पूजा मालवीय, राखी श्रद्धा, सिमरन, मांडवी, स्वर्णिमा, साक्षी, नंदिनी, शालिनी मलुईया, सोनम उपाध्याय, बहुबंशु, अनमोल, प्रतीक, हरीश शर्मा, सरस, शिवम् पुष्पेंद्र, विकाश जोठे, आयुष, निहाल, सिद्धार्थ, आशीष, अमित, आकांशा, हर्ष, शिवम, अनमोल, निहाल, आशीष, रमेश, अंकित पारोचे, इशिता, राखी, दीपू, मनीष, सुनीता अहिरे और आकृति जैन आदि कलाकारों ने अपने नृत्याभिनय कौशल से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।